मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर लगे आरोपों की हो सीबीआइ जांच: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर लगे आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से बड़ा कोई कार्यालय नहीं होता है। वहां के अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसलिए इस मामले की सीबीआइ जांच जरूरी है ताकि सच जनता के सामने आ सके। जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में बोर्ड के टॉपर बच्चों को लैपटॉप वितरित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि अजीब बात है कि शिकायतकर्ता के ऊपर तो कार्रवाई हो गई लेकिन अधिकारी पर कार्रवाई नहीं। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। भाजपा के विधायक भी भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की जिस तरह की कहानियां इस सरकार में सुनने को मिल रही हैं, वैसी पहले कभी सुनने को नहीं मिली। सरकार के लोग गांवों में जाते हैं तो उन्हें वहां भी भ्रष्टाचार के आरोप सुनने पड़ रहे हैं। वह चाहे शौचालय बनाने का मामला हो, मकान बनाने का मामला हो या अन्य योजनाएं हों। सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए पोर्टल खोला था। पोर्टल पर कितनी शिकायत आई है, यह उसे बताना चाहिए। कानपुर के अस्पताल में एसी खराब होने से मरीजों के मरने के मामले पर अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को ध्वस्त कर दिया है। सरकार ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कोई सबक नहीं सीखा है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने बोर्ड के टापर्स को लैपटॉप बांटे। उन्होंने कहा कि हम इसलिए लैपटॉप बांट रहे हैं, जिससे कि भाजपा सरकार को अपना वादा याद आए। बीजेपी सरकार ने अपने घोषणापत्र में लैपटॉप के साथ मुफ्त में डेटा देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया।

नौकरशाहों के सामने नतमस्तक सरकार

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं करके मामले को रफादफा करने की कोशिशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के विधान परिषद में दल नेता दीपक सिंह ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल राम नाईक द्वारा लिखे पत्र में समुचित कार्रवाई करने के बजाए उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। यह बेहद दुरूखद है। ऐसा लगता है कि सरकार नौकरशाहों के सामने नतमस्तक है।

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