हरिद्वार में दलित एकता मंच ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर धरना दिया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। मंच के तीर्थपाल रवि, संदीप गौड़ व समय सिंह दाबड़े आदि ने कहा कि देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन सरकार चुप बैठी है। तमिलनाडु में रामस्वामी पेरियार की मूर्ति खंडित की गई। उप्र के मेरठ व उत्तराखंड के हरिद्वार में बाबा साहेब की प्रतिमा खंडित करने की घटनाएं हुई, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध ली।
इससे यह लगता है कि केंद्र व राज्यों में बैठी भाजपा सरकार बाबा साहेब का नाम लेकर केवल दलितों का वोट तो लेना चाहती है, लेकिन बाबा साहेब की रक्षा करना नहीं चाहती है। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार न्यायालय के माध्यम से दलितों पर शिकंजा कसने का काम कर रही है। अभी पिछले दिनों एससी-एसटी एक्ट को निष्प्रभावी कराया गया।
पुनर्विचार याचिका की आड़ में देश को गुमराह न करें सरकार
हरिद्वार में पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने भारत बंद के आह्वान का न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि इस आंदोलन को और धार देने की बात कही। केंद्र सरकार से मांग की कि अगर सरकार एससी एसटी एक्ट के प्रति गंभीर है, तो पुनर्विचार याचिका की आड़ में देश को गुमराह न करें। संसद में इस एक्ट को और सुदृढ़ करने के लिए कानून पास कराए।
बहादराबाद में दलित समाज ने पृथ्वीराज चैहान चैक पर धरना-प्रदर्शन के साथ ही चैक पर जाम लगा दिया। करीब चार घंटे तक चले धरना प्रदर्शन से मुश्किलें बढ़ गई। आंदोलनकारी एससी एक्ट में संशोधन की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन में मीरपुर, गढ़,राजपुर, कुतुबपुर व पूरनपुर आदि के दलित समुदाय के लोग शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला रद हो।