संगम नगरी में हुई 2019 के कुंभ में बड़ा घोटाला,अब 24 पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज | Nation One

कुंभ-2019 में 109 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए फर्जी बिल प्रस्तुत किए जाने पर शुक्रवार को नामी कंपनी लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई।

इस टेंट सुविधा प्रदाता कंपनी और उसके साझीदारों पर कूटरचित दस्तावेज बनाने और फर्जी भुगतान का आधार बनाने के लिए कुंभ मेला अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से प्रपत्र तैयार करने का आरोप है। इसके साथ ही कुंभ मेला प्राधिकरण ने लल्लू जी एंड संस को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान के लिए बिल, बाउचर लगाने के मामले में अपर कुंभ मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद की ओर से दारागंज थाने में लल्लू जी एंड संस समेत अन्य साझीदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।

इसमें मेसर्स लल्लू जी एंड संस के अलावा रमेश कुमार अग्रवाल, जगदीश कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार अग्रवाल, सुनील कुमार अग्रवाल, विपुल कुमार अग्रवाल, मुकुल कुमार अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, निखिल कुमार अग्रवाल, उपांशु कुमार अग्रवाल, दीपांशु कुमार अग्रवाल के खिलाफ धारा धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने को लेकर 419,420,409,467,468,471, 120बी के तहत केस दर्ज कराया गया है।

अपर कुंभ मेलाधिकारी की तहरीर के मुताबिक कुंभ मेले में प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से देश के इतिहास में सबसे बड़े अस्थाई शहर का निर्माण कराया जाना था। इसके लिए टेंट, टीन, फर्नीचर की आपूर्ति के लिए लल्लू जी एंड संस को ठेकेदार के रूप में अधिकृत किया गया था।

मेला प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि भुगतान के लिए इस टेंट कंपनी और उसके साझीदारों की ओर से 196.24 करोड़ रुपये बिल 27 फरवरी 2017 से छह जुलाई 2019 के बीच प्रस्तुत किए गए।

ऑफिशल वर्ज़न

सत्यापन के दौरान इसमें से सिर्फ 86.38 करोड़ रुपये केही बिल सही पाए गए। शेष 109.85 करोड़ रुपये केबिल तथ्य विहीन और गलत पाए गए। जनवरी-फरवरी 2019 में अलग-अलग तिथियों के इन बिलों को कुंभ मेला के बाद कूटरचित अभिलेखों के आधार पर तैयार किया गया है।

इसके साथ ही 20 जनवरी 2019 को बिना कार्य कराए एक पत्र के अनुरोध पत्र प्राधिकरण के कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर से कार्यालय आदेश के रूप में तैयार किया गया है। गलत बिलों के समर्थन में टेंट प्रदाता कंपनी व उसके साझीदारों ने सेक्टरवाइज अपने प्रतिनिधियों की सूची भी बनाई है।

कुंभ मेला-2019 के लिए शासन की ओर से अनुमोदित बजट से टेंट कंपनी ने अलग-अलग विभागों से 171 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया है। लेकिन, लालचवश इस कंपनी और उसके साझीदारों ने 109.85 करोड़ रुपये का फर्जी बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत किया, जो जांच में गलत पाया गया है। इसके लिए एजेंसी की ओर से झूठे साक्ष्य भी गढ़े गए हैं। इस आधार पर इनकोे ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है।

वही अब इस पूरे मामले में लल्लू जी एंड सन्स ने सफाई देते हुए कहा कि 86 करोड़ का बिल पेंडिंग है जिसका मामला हाई कोर्ट में लंबित है। सरकारी अधिकारी दबाव बनाने के लिए मुकदमा दर्ज कराए है । और जो फ़र्ज़ी बिल की बात कही जा रही है वो गलत आरोप है सभी बिल की रिसीविंग कम्पनी के पास रखी है।