
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने ऐसे किया याद | Nation One
आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। परंतु वह अपने जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर उनके साहस को याद किया जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर विनम्र श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर दिल्ली में सदैव अटल स्मृति स्थल पहुंचे, जहां उन्होने आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया और श्रद्धांजलि दी। साथ ही इसके बाद उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने स्मृति स्थल पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें नमन किया।
इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर मौजूद थे।
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। अटल की बी॰ए॰ की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज में हुई। छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे।
कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एम॰ए॰ की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ-साथ कानपुर में ही एल॰एल॰बी॰ की पढ़ाई भी प्रारम्भ की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये।
डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति का पाठ तो पढ़ा ही, साथ-साथ पाञ्चजन्य, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन का कार्य भी कुशलता पूर्वक करते रहे।
सर्वतोमुखी विकास के लिये किये गये योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिये 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमंत्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मंत्री थे।