गरीबों व शोषितों का सबसे बड़े मसीहा थे आंबेडकरः रावत

बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127 वीं जयंती पर शहर के कई जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम व गोष्ठी का आयोजन उत्साहपूर्वक विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की तरफ से किया गया। इस मौके पर मुख्य कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री व प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिरकत की। वह सुबह लगभग दस बजे सर्किट हाउस से गांधी पार्क के सामने स्थित आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उनको गरीबों व शोषितों का सबसे बड़ा मसीहा बताया। उनका कहना था कि व इन वर्गों के लिए असली अगुवाकार थे।

देश में सभी जाति, वर्ग के लोगों को मिले अधिकार

डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि आज जरूरत है कि उनके बताए गए मार्ग पर लोग चलें। ताकि यहां पर एक समान समरसता का माहौल पैदा किया जा सके। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान ने कहा कि बाबा साहब ने समाज को एक सूत्र में बांधने का जो संकल्प लिया था। उसे हम सभी को पूरा करना है। उनका प्रयास था कि देश में सभी जाति, वर्ग के लोगों को उनका अधिकार मिले। सभी को समान शिक्षा, आवास व चिकित्सा की सुविधाएं मिलना कानूनी व संविधानिक अधिकार है।

प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में ही भाजपा कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष कुंदन सिंह लटवाल ने कहा कि गरीबों के लिए वह उद्धारक सिद्ध हुए। उनका मानना था कि समाज में सभी जाति, वर्ग व धर्म के लोगों को अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीने का हक है। जिलाध्यक्ष गोविंद पिलखवाल ने कहा कि पूरे देश में आंबेडकर के विचारों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री रवि रौतेला ने किया। इस मौके पर डॉ. आंबेडकर की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

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