भारत के बाद अब चीन की भूटान पर नज़र, भूटानी जमीन को बताया चीन का हिस्सा | Nation One
जहां चीन हर रोज भारत के लिए नई चुनौतिया पैदा कर रहा है तो अब उसकी नज़र भूटान पर है। ‘ग्लोबल इन्वायरमेंट फैसिलिटी काउंसिल’ की 58वीं बैठक में चीन ने भूटान के ‘सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य’ की जमीन को विवादित बताया है। साथ ही इस परियोजना के लिए होने वाली फंडिंग का भी विरोध जताया है।
भूटान एक ऐसा देश है जिससे चीन का राजनीतिक संबंध नहीं के बराबर है। वही भूटान ने चीन की इस चाल पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होनें कहा है कि हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य भूटान का एक अभिन्न और संप्रभु क्षेत्र है।
भूटान के प्रधानमंत्री लोटे तशरीर चाहते है कि पहाड़ी इलाकों में भारत के तरफ से निर्यात होने वाले जलविधुत को कम किया जाए। जबकि डीएनटी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि भारत के साथ भूटान का व्यापारिक संबंध पूरे व्यापार का 80 प्रतिशत है।
बता दे की भूटान और चीन के बीच अभी भी सीमाएं तय नहीं हैं। बीजिंग(चीन) इसी बात का फायदा उठाकर थिंपू(भूटान) की जमीन को हथियाना चाहता है।