अधिवक्ताओं ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप, कोर्ट परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठे | Nation One
कोरोना आपदा के चलते सम्पूर्ण देशवासी त्रस्त है। वर्तमान समय मे आम हो या खास हर व्यक्ति कोरोना संक्रमण की वजह से किसी ना किसी रूप में प्रभावित है। इस कोरोना आपदा से धर्मनगरी हरिद्वार के अधिवक्ता भी प्रभावित नज़र आ रहे है।
आज हरिद्वार के अधिवक्ताओं ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया और भारी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए है। इन अधिवक्ताओ ने सरकार से मांग की है की सरकार इनका 20 लाख का बीमा और 5 लाख का लोन बिना ब्याज तुरंत उपलब्ध कराए और कोर्ट में कार्य शुरू कराया जाए ताकि अधिवक्ता भी आजीविका चला सके।
कोर्ट परिसर के बाहर सरकार पर अनदेखी का आरोप लगते हुए आमरण अनशन पर बैठे अधिवक्ताओ का कहना है कि जब से लॉक डाउन हुआ है अधिवक्ताओ का कार्य बिल्कुल ठप हो गया है। 40 प्रतिशत अधिवक्ता रोजाना कमा कर खाते है, राजस्व प्राप्ति के कार्यो को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा खोला गया है मगर अभी तक कोर्ट में कर शुरू नही किया गया है।
अधिवक्ता भी इस देश के नागरिक है सरकार ने कोई आर्थिक पैकेज अधिवक्ताओ को नही दिया है। सरकार से मांग है की सरकार हमारा 20 लाख का बीमा कराए और 5 लाख का लोन बिना ब्याज तुरंत उपलब्ध कराए। कोर्ट में सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए एक समय और एक ही ब्यान कराया जाए।
कोर्ट में कार्य शुरू कराया जाए ताकि अधिवक्ता भी आजीविका चला सके, उन्होंने कहा कि यह मुद्दा हमारी तरफ से माननीय हाई कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा ताकि माननीय हाई कोर्ट सरकार से हमारी मांगे पूरी करा सके।
हरिद्वार कोर्ट में कार्य शुरू ना होने से अधिवक्ताओं में खासी नाराजगी है। अधिवक्ता सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। आमरण अनशन पर बैठे अधिवक्ताओं ने सरकार से विभिन्न मांगे की है, अधिवक्ता इस मामले में हाई कोर्ट जाने की भी बात कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इन अधिवक्ताओं की मांगों का कब तक संज्ञान लेती है और कब तक इन अधिवक्ताओं की मांगों का समाधान सरकार द्वारा किया जाता है।
हरिद्वार से वंदना गुप्ता की रिपोर्ट