Manipur में फिर बिगड़े हालात, 5 दिन तक इंटरनेट बंद, पढे़ें | Nation One
Manipur : मणिपुर में बिगड़े हालात कई महीने बीत जाने के बाद भी ठीक नहीं हुए है। राज्य में हिंसा और हत्या की खबरे आती रहती है। मणिपुर में बिगड़े हालात को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
मणिपुर में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। नए आदेश के अनुसार अब 11 अक्टूबर शाम 7:45 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा। पिछला आदेश 6 अक्टूबर को समाप्त हो गया।
पांच महीने की नाकेबंदी के बाद 23 सितंबर को राज्य में इंटरनेट बहाल कर दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा कानून और व्यवस्था के मुद्दों का हवाला देते हुए तीन दिनों के भीतर इंटरनेट प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया गया था।
Manipur : सरकार ने दिया ये हवाला
मणिपुर गृह विभाग द्वारा 6 अक्टूबर को जारी नवीनतम आदेश में कहा गया है, ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
Manipur : इंटरनेट बहाल के बार फिर बिगड़ा माहौल
बीते महीने सितंबर के आखिरी सप्ताह से राज्य में ताजा हिंसा भड़कनी शुरू हो गई। इस घटना में छात्र समूह लुवांगबी लिनथोइंगंबी हिजाम (17) और फिजाम हेमनजीत सिंह (20) युवा छात्र की हत्या का विरोध कर रहे हैं।
वे 20 जुलाई को लापता हो गए थे क्योंकि राज्य भर में जातीय हिंसा भड़क गई थी। वे जुलाई में मारे गए थे, लेकिन 23 सितंबर को राज्य में इंटरनेट बहाल होने के बाद उनके शवों की तस्वीरें व्यापक रूप से प्रसारित होने लगी हैं।
Manipur : भीड़ ने सीएम बीरेन के आवास को घेरा
रिपोर्ट के अनुसार, इंफाल में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के घर की ओर मार्च करने का प्रयास करने वाले लगभग 100 छात्रों को सुरक्षा बलों ने रोक दिया। इसके बाद भगदड़ मच गई, जिसमें कई छात्र घायल हो गए।
Manipur : इंटरनेट प्रतिबंध की आलोचना
सरकार ने दावा किया है कि अफवाहें फैलाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था, ज़मीनी रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय कुछ और ही बताती है। शटडाउन के आलोचकों का कहना है कि निलंबन ने सूचना के प्रवाह में बाधा उत्पन्न की है जिससे हिंसा के वास्तविक पैमाने का पता चल सकता था।
पूर्ण प्रतिबंध से आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। एक ग्राउंड रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट के बिना समाचार और घटनाओं के अपडेट नहीं मिले। सत्ता के पदों पर बैठे लोगों द्वारा अपनी सुविधा के अनुकूल एक कहानी को आकार देने के लिए जानकारी वितरित की गई थी।