West Bengal SSC Scam : मुश्किलों में घिरे पार्थ चटर्जी, क्या ममता भी छोड़ देंगी अपने मंत्री का साथ | Nation One
West Bengal SSC Scam : पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में फंसे पार्थ चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ तो उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये और भारी मात्रा में सोने के गहने बरामद हुए हैं।
तो वहीं अब टीएमसी के महासचिव कुणाल घोष ने साफ कह दिया है कि पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए और उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। कुणाल घोष ने कहा है कि अगर इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को मुझे सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है।
West Bengal SSC Scam : 50 करोड़ कैश और पांच किलोग्राम सोना बरामद
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, पार्थ चटर्जी से जुड़े अपार्टमेंट से करीब 50 करोड़ रुपये नकद और पांच किलोग्राम सोना बरामद किया गया है, इसके अलावा संपत्ति और विदेशी मुद्रा के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
टीएमसी महासचिव ने कहा कि “पार्थ चटर्जी को मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से तुरंत हटाया जाना चाहिए और उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए। अगर इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को मुझे सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है। मैं पार्टी के एक सैनिक के रूप में काम करता रहूंगा।”
West Bengal SSC Scam : ममता बनर्जी ने कहा था-दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा
बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा भरोसा है। “मुझे लगता है कि वे उचित निर्णय लेंगे।”
घोष की यह टिप्पणी विपक्षी भाजपा और माकपा द्वारा राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार पर चटर्जी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर किए गए हमले के बीच आई है।
हालांकि, इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो वह मंत्री होते हुए भी उस व्यक्ति को नहीं बख्शेंगी।
बता दें कि ममता बनर्जी सरकार में ताकतवर मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव रहे चटर्जी को शनिवार को एसएससी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था।
West Bengal SSC Scam : शिक्षक भर्ती में हुआ था बड़ा घोटाला
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी और डी स्टाफ के साथ-साथ शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है और ईडी इस घोटाले में मनी ट्रेल पर नजर रख रही है। जब ये घोटाला हुआ था तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे।