वैज्ञानिकों का ऑर्गेनिक कमाल! 1 पौधे में साथ उगेंगे आलू-टमाटर, मिर्चा-बैंगन, लौकी-खीरा | Nation One
रिपोर्ट : दिक्षा अरोरा
ऑर्गेनिक चीजों का ट्रेंड आजकल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। क्योंकि बात सेहत की है, लेकिन आजकल सेहतमंद रहना भी बहुत बड़ा टास्क है, क्योंकि सब्जियों तक में केमिकल लोचा है।
बता दें कि रसायनों के ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान देख कृषि विभाग किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, उसके बावजूद खेतों में रसायन और कीटनाशक का प्रयोग हो रहा है जो कई बीमारियों को जन्म देता है।
केवल इतना ही नहीं फलों को चमकदार और पकाने के लिए भी रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है।
बीमारियों से बचने के लिए लोग ऑर्गेनिक तरीके से अपने बगीचों, छतों पर ही सब्जी उगाने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि ऑर्गेनिक खेती कीटनाशक दवाओं के स्थान पर प्राकृतिक खादों का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान समय में ऑर्गेनिक खेती से प्राप्त होनें वाली उपज की मांग बहुत अधिक है।
ऑर्गेनिक खेती करने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
- ऑर्गेनिक खेती करने से फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
- रासायनिक खाद को खेतों में उपयोग करने से फसल को उगाने में लागत भी कम आता है।
- ऑर्गेनिक खेती में कचरे का उपयोग खाद बनाने में किया जाता है जिससे कचरे से होने वाली बीमारियों में भी कमी आती है।
- इसमें मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आती है।
- जमीन से पानी का वाष्पीकरण भी कम होता है।
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग सबसे ज्यादा रहती है।
ऐसे में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीकी बताई है।
बता दें कि इस तकनीकी से ऐसे पौधे विकसित किए हैं, जिसमें आलू, टमाटर, बैगन और मिर्च का एक साथ उत्पादन हो सकेगा। जी हां, केवल एक पौधे में ग्राफ्टिंग के जरिए दो सब्जी उगाने में सफलता मिलेगी।
पौधों को ब्रिमेटो और पोमैटो नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च पिछले 5 साल से जारी कर रखी है। रिसर्च का वर्णन करते हुए वैज्ञानिक डॉ. अनंत कुमार ने कहा, ग्राफ्टिंग तकनीकी से तैयार किए पौधे किचन गार्डन या फिर गमले के लिए सही हैं।
हर एक पौमैटो से 2 किग्रा टमाटर और 600 ग्राम आलू तैयार किया जा सकता है। मिट्टी के निचले हिस्से में आलू और ऊपर टमाटर पैदा होगा।
वहीं दूसरी तरफ ब्रिमेटो के एक पौधे से लगभग दो किग्रा टमाटर और ढाई किग्रा तक बैगन उगाया जा सकता है। इसी प्रकार एक ही पौधे में टमाटर के साथ मिर्च, लौकी, तरोई में खीरा और करेला भी उगाने में सफलता मिली है।
कैसे तैयार होगें ब्रिमेटो और पोमैटो
पोमैटो
बता दें कि आलू के पौधे की मिट्टी के ऊपर कम से कम 6 इंचा लंबा होने पर उसपर टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग की जाती है।
केवल इतना ही नही दोनों पौधों के तने की मोटाई बराबर होनी चाहिए। 20 दिन बाद दोनों का जुड़ाव हो जाने पर उसे खेत में छोड़ दिया जाए।
रोपाई के दो महीने बाद टमाटर की तोड़ाई शुरू हो जाएगी। जिसके बाद आलू की खुदाई होगी। बता दें कि बैंगन के पौधे के 25 दिन और टमाटर के 22 दिन हो जाने के बाद इसमें ग्राफ्टिंग होती है। इसी तरह एक पौधे से दो सब्जी का उत्पादन होगा।