आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका SC ने की खारिज, कहा- होगा जेल में ही इलाज | Nation One
जोधपुर : एक बड़ी खबर के अनुस्सर अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में अपने जीवन की आखिरी सांस तक जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी एक बड़ा तगड़ा झटका दिया है।
क्या है घटना
दरअसल अब सुप्रीम कोर्ट ने भी आसाराम बापू को मेडिकल आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत देने से साफ़ इनकार कर दिया है। आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके मेडिकल आधार पर 6 हफ्ते की एक जमानत मांगी थी।
इस मुद्दे पर आसाराम के अधिवक्ता प्रदीप चौधरी मुताबिक आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई अंतरिम जमानत अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है।
इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को आसाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुये कहा कि, जिस अपराध के लिये उन्हें दोषी ठहराया गया है वह कोई सामान्य अपराध नहीं है।
अब उनका सभी प्रकार का आयुर्वेदिक इलाज जेल में कराये जायेंगे। पता हो कि आसाराम की ओर से इलाज करवाने को लेकर एक अंतरिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई थी।
इस याचिका में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्हें कम से कम 6 हफ्ते की जमानत दी जाए जिससे वह आयुर्वेद के सहारे अपना इलाज करवा सके। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी आसाराम की स्वास्थ्य की स्थिति की रिपोर्ट एम्स से मांगी थी।
अब हाईकोर्ट में 3 सितंबर को सुनवाई
इधर, दूसरी तरफ आसाराम के बेटे नारायण साईं ने उनकी जमानत को लेकर जोधपुर हाईकोर्ट में भी अपनी एक याचिका पेश कर रखी है। अब उस पर दो दिन बाद यानी 3 सितंबर को सुनवाई होगी। वहीं अब आसाराम के परिवार को आगामी 3 सितंबर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि आसाराम लगभग 8 वर्षों से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। इन 8 सालों में आसाराम ने अपनी जमानत के लिए निचली कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट अनगिनत जमानत अर्जियां पेश की है लेकिन उन्हें किसी में भी राहत नहीं मिल पाई है।
एक पैरोकार ने पेश किया था झूठा शपथ : सत्र
ये भी गौरतलब है कि पूर्व में आसाराम के एक पैरोकार ने ही आसाराम के खराब स्वास्थ को लेकर एक झूठा शपथ पत्र पेश कर सुप्रीम कोर्ट से उनके लिए राहत मांगी थी। उसकी पैरोकारी में आसाराम को राहत तो नहीं मिली लेकिन हुआ उल्टा, एक और केस आसाराम पर ही दर्ज कर लिया गया।