आज देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की छठी पुण्यतिथि मनाई जा रही है। अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
एपीजे अब्दुल कलाम ने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए उनके विचार प्रेरित करते हैं।
कलाम ने 1998 के पोखरण-2 परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देश के मिसाइल विकास कार्यक्रमों व अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।
कलाम ने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। वह एक ऐसी हस्ती थे जिन्हे अपने राष्ट्रपति होने का भी घमंड़ नही हुआ। जब भी लोगो के बीत जाते सिर्फ पैगाम-ए-मोहब्बत देते थे।
अपने सिद्धांतों पर कदम बढ़ाने वाले कलाम, आखिरी सांस तक भी देश की सेवा मे थे। युवाओं को रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रेरित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सेमिनारों के जरिए छात्रों के बीच जाते थे।
अब्दुल कलाम युवा पीढी को सफल बनाना चाहते थे। वह बोलते थे कि ‘लोग हमें तभी याद रखेंगे जब हम आने वाली पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दे पाएं।
इस समृद्धि का स्रोत आर्थिक समृद्धि और सभ्य विरासत होगी।’ भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत थी। डॉ अब्दुल कलाम एक ऐसे शक्स थे जिन्हे आने वाली पीढ़ियां भी याद करती रहेंगी।
बता दें कि कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में लेक्चर देते समय दिल का दौरा पड़ने से हो गया था।