क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व ? ऐसे करें गुरु की उपासना, जीवन में मिलेगी सफलता | Nation One
आज पूरे विश्व में गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था।
शास्त्रों में गु का अर्थ अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ – उसका निरोधक बताया गया है। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अंधकार से हटाकर प्रकाश की ओर ले जाते है। आज का यह पर्व भी हम गुरू को सम्मानित करने के लिए मनाते है। शिष्य अपने गुरु को दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते है। जैसे वर्षा से तप्त
भारत में हर पूर्णिमा का महत्व बहुत ही अधिक है। लेकिन गुरु पूर्णिमा बेहद फलदायी मानी जाती है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस उत्सव को महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरू श्रीमद राजचंद्र को सम्मान देने के लिए पुनर्जीवित किया था। लेकिन व्यास पूर्णिमा महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास के जन्मदिन के रूप में भी मनायी जाती है। भक्तिकाल के संत घीसादास का जन्म भी इसी दिन हुआ था वे कबीरदास के शिष्य थे।
गुरु पूर्णिमा के दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है। आज के दिन पीपल के पेड़ पर मीठा जल डालने से गुरु की कृपा से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और यह भी कहा जाता है कि केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं, लेकिन हकीकत में हमारे गुरु वह है जो हमें हर चीज का ज्ञान देते है। माता-पिता बच्चों के पहले गुरु होते हैं। बच्चे उनसे जीवन की पहली सीढी चलना सीखते है। इस कारण बच्चे को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने माता-पिता से आशीष लेना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अजय देवगन ने अपने पिता वीरू देवगन को याद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पिता के साथ एक तस्वीर शेयर की और कैप्सन लिखा।
इस खास मौके पर अपने पिता (वीरू देवगन) को सैल्यूट करता हूं। मैं खुशनसीब था जो जिंदगी और करियर की सीख उनसे लेने का मौका मिला। इस अनमोल तोहफे को मैं हमेशा सम्मान के साथ अपने पास रखूंगा।
गुरु पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का करना चाहिए जाप
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।