अजब मामलाः पत्नी देगी पति को हर माह 1000 रुपये गुजारा भत्ता | Nation One
मुजफ्फरनगरः अगर दंपती में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो जाए और अलग-अलग रहने लगें तो पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ जाता है लेकिन, यहां इससे इतर नया मामला सामने आया है. पति की याचिका पर परिवार न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर पत्नी को आदेश दिया है कि वह प्रति माह पति को हजार रुपये गुजारा भत्ता देगी.
खतौली के नागर कॉलोनी निवासी किशोरी लाल सोनकर का विवाह 1990 में कानपुर निवासी मुन्नी देवी के साथ हुआ था. मुन्नी देवी कानपुर स्थित रक्षा अनुसंधान विकास संगठन में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत थी. 1999 में दोनों के बीच मनमुटाव होने पर किशोरी लाल खतौली लौट आए थे. कुछ माह पूर्व मुन्नी देवी भी नौकरी से सेवानिवृत्त हो गई. वर्ष 2013 में बेरोजगार किशोरी लाल ने परिवार न्यायालय दो में प्रार्थना पत्र देकर नौकरी पेशा पत्नी मुन्नी देवी से गुजारा भत्ता का भुगतान कराने की गुहार लगाई थी. सात साल तक चली सुनवाई के बाद परिवार न्यायालय- दो की न्यायाधीश तृप्ता चौधरी ने आदेश जारी किया कि मुन्नी देवी अपनी 12000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की धनराशि में से 1000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता के रूप में पति किशोरीलाल को भुगतान करे. परिवार न्यायालय के फैसले से नाखुश किशोरी लाल का कहना है कि उन्होंने गुजारा भत्ता की मांग के लिए 2013 में न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था. कहा कि 1000 रुपये प्रति माह से उनका कुछ होने वाला नहीं है. वह कोर्ट से मांग करेंगे कि गुजारा भत्ता की धनराशि उन्हें 2013 से ही दिलाई जाए.
किशोरी लाल ने बताया कि उनकी पत्नी मुन्नी देवी ने कानपुर के कोर्ट में उनके विरुद्ध झूठा मुकदमा दायर किया था. जिसमें उसने उन पर दूध में जहर मिलाकर पिलाने का आरोप लगाया था लेकिन, कोर्ट ने सुनवाई कर उन्हें बरी कर दिया था. उनका यह भी कहना था कि, उनकी पत्नी रोजगार पर थी और वह घर का काम संभालते थे लेकिन, पत्नी से अलग होने के बाद उन्हें रोटी के भी लाले पड़ गए थे. कई कई दिन भूखा रहना पड़ता था. परिवार न्यायालय में उन्होंने गुजारा भत्ता भुगतान की गुहार लगाई थी लेकिन, सुनवाई लंबी चलने के कारण मजबूर होकर उन्हें चाय की दुकान खोल कर ही पेट पालना पड़ा.