नई दिल्लीः बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया दी है.
पाकिस्तान ने कहा कि, भारत मे हिंदुओं के साथ-साथ से सियाओं का भी उत्पीड़न जारी है. आपको बात दें, पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय कश्मीर और अयोध्या को लेकर बयानबाजी में लगा हुआ है.पाकिस्तान ने कहा कि अयोध्या में एतिहासिक मस्जिद गिराने के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी करना शर्मनाक है और पाकिस्तान इसकी निंदा करता है.
इस फैसले को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि जिस पूर्णनियोजित रथयात्रा और बीजेपी विहिप और संघ परिवार के नेताओं द्वारा भीड़ को उकसाने की वजह से मस्जिद का ढांचा गिराया गया और जिस आपराधिक कृत्य का टीवी पर लाइव प्रसारण किया गया, उस पर फैसला आने में तीन दशक लग गए. जो साबित करता है कि हिंदुत्ववाद से प्रभावित भारतीय न्यायपालिका एक बार फिर न्याय देने में असफल रही है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बाबरी ढांचा गिराए जाने की वजह से बीजेपी की अगुवाई में संप्रदायिक हिंसा भड़की थी और इससे हजारों लोगों की जान गई.उन्होंने कहा कि अगर दुनिया के कथित सबसे बड़े लोकतंत्र में न्याय की जरा भी छाया होती है तो आपराधिक मामले वाले लोगों को बरी नहीं किया गया होता.
पाक मत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीजेपी का शासन और संघ परिवार भारत में मस्जिद के तोड़फोड़ की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि वे ऐसा नियोजित तरीके से कर रहे हैं, जैसा गुजरात और दिल्ली दंगे में भी किया गया.
अपने देश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में नाकाम पाकिस्तान ने भारत को नसीहत भी दी है. पाकिस्तान ने भारत सरकार से अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों और उनके पूजा स्थलों को संरक्षण और सुरक्षा देने की मांग की, जिस पर हिंदू अपना दावा पेश करते हैं.
आपको बता दें कि, बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने इसके सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं.इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, विनय कटियार समेत कई अन्य लोग अभियुक्त बनाए गए थे.