20 हज़ार ठेका कर्मियों को BSNL से निकालने की तैयारी | Nation One
सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने अपनी सभी इकाइयों को अनुबंध के काम पर खर्च में कटौती करने का निर्देश दिया है, इससे ठेकेदारों के माध्यम से कंपनी के लिए काम करने वाले 20,000 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। बीएसएनएल कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को यह दावा किया।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन ने यह भी दावा किया है कि कंपनी के 30,000 ठेका मजदूरों को पहले ही बाहर किए जा चुके हैं। साथ ही, ऐसे श्रमिकों को एक वर्ष से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है।
बीएसएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार को लिखे पत्र में संघ ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। विभिन्न शहरों में जनशक्ति की कमी के कारण नेटवर्क की खराबी की समस्या बढ़ गई है।
यूनियन ने कहा कि वीआरएस के बाद भी बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। यूनियन ने कहा कि पिछले 14 महीनों से भुगतान नहीं होने के कारण 13 ठेका श्रमिकों ने आत्महत्या की है। इस बारे में बीएसएनएल को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया जा सका है।
बीएसएनएल ने एक सितंबर को सभी मुख्य महाप्रबंधकों को मानव संसाधन निदेशक की अनुमति के साथ आदेश जारी किए और उन्हें संविदा कर्मियों पर खर्च को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा। इसके अलावा, अनुबंध श्रमिकों को ठेकेदारों के माध्यम से नौकरी लेने में कटौती करने के लिए भी कहा गया था।