औरंगाबाद एक्सीडेंट मामले में SC का सुनवाई से इनकार, कहा अगर कोई ट्रैक पर सो जाए तो क्या कर सकते है | Nation One

कोरोना संकट के बीच जारी लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अभी हाल ही में महाराष्ट्र से अपने घर जाने की चाह में पैदल निकले 16 मजदूरों की औरंगाबाद में ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई थी।

दरअसल, पैदल चलते-चलते थक कर ये मजदूर रेल पटरियों पर सो गए थे तभी अचानक एक मालगाड़ी से कट कर इनकी मौत हो गई। तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई भी सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

उनका कहना है कि अगर मजदूर ट्रैक पर सो जाए तो क्या किया जा सकता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि जिन लोगों ने पैदल चलना शुरू कर दिया है, उन्हें कैसे रोका जाए।

इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि सबके घर लौटने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन लोगों को अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी होगी, जो वो नहीं कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमलोग कैसे निगरानी कर सकते हैं कि सड़क पर कौन चल रहा है। राज्य निगरानी करने के लिए ही है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार बसों का प्रबंध कर रही है। लेकिन अगर लोग गुस्से में सड़क पर चलने लग जाएं और अपनी बारी का इंतजार ही ना करें तो क्या किया जाए।