पालिका के कर वसूली में करोड़ों के नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन ?
जौनपुर। नगर पालिका में कर निर्धारण और कर वसूली का मामला तूल पकड कर विवाद का कारण बन रहा है। इस समय गृह और जलकर की वसूली वर्ष 2014 के गजट के अनुसार की जा रही है। जिससे जनता पर अधिक आर्थिक बोझ बढ़ रहा है तथा पालिका का पुराने दर से वसूली करायेजाने पर करोड़ों का नुकसान हो चुका है। इसके लिए पूर्व अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी जिम्मेदार बताये जा रहे है। क्योंकि इसके पूर्व 2003 के कर निर्धारण के अनुसार कर निर्धारण के हिसाब से वसूली होती रही।
इस मामले को उठाते हुए गुरूवार को नगर पालिका अध्यक्ष और अधिसासी अधिकारी के समक्ष सभासद दीपक जायसवाल ने कहा कि इस समय जो कर वसूला जा रहा है वह गलत है। इसे 2003 के आधार पर वसूली की जानी चाहिए। क्योकि 2014 में बोर्ड की बैठक में बिना प्रस्ताव पास किये इसे गजट करा दिया। जिसका नतीजा यह है रहा कि उस समय से विगत कुछ माह पहले तक पुरान दर से ही वसूली हुई जो जारी रहनी चाहिए।
इस बात का विरोध करते हुए अधिशासी अधिकारी राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि 2014 से गजट हुआ कि उसी के अनुसार करों की वसूली करायी जा रही है। यदि बोर्ड की बैठक में इसको रदद करने अथवा स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया जाए और उसे शासन के पास भेजा जाए तथा वहां से 2014 की वसूली पर रोक लगाया जाए तभी उसे रोका जाना संभव है। अन्यथा वसूली नियमानुसार ही जारी रहेगी। इस पूरे मामले में अध्यक्ष माया टण्डन की भूमिका मूकदर्शक की रही।
जौनपुर से अजीत कुमार सेठ की रिपोर्ट