देश की धरती पर जब तक गाय का रक्त बहेगा, तब तक राम मन्दिर का निर्माण असम्भव: गोपालमणि
टिहरी: टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी प्रसिद्ध गौ कथा वाचक गोपालमणि महाराज भाजपा-काँग्रेस को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में भाजपा तथा कांग्रेस के लिए मुश्किले बढ़ गई हैं। वही गोपाल मणि का दावा है कि जब तक देश की धरती पर गाय का रक्त टपकता रहेगा, तब तक अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण असम्भव है। गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए गोपाल मणि पिछले दो दशक से ज्यादा समय से देश के सभी राज्यों के सैकड़ो जनपदों में जाकर जनजागरण रैलियां भी की।
ऐसे में पूरे देश में उनके लाखों अनुयायी हैं।
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मूल रूप से उत्तरकाशी जनपद के देवीसौड़ के निवासी महाराज को उत्तरकाशी जनपद से खासा समर्थन है। ये भी विचारणीय प्रश्न है कि महाराज ने देश में गौ हत्या रोकने के लिये देश की राजधानी दिल्ली में तीन बार महारैली भी आयोजित की थी। जिसके बाद उत्तराखण्ड और हिमांचल प्रदेश की सरकारों ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव भी पारित किया था। उसके बाबजूद भी हिंदुत्व के नाम पर पूर्ण बहुमत में आई। मोदी सरकार ने गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान देने की बात तो दूर सदन सदन में इस मुद्दे पर चर्चा तक नही की, तो फिर हम कैसे मान लें कि इस देश गौरक्षा के लिए कोई काम हो रहा है मणि महाराज बार बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि गाय को अनुदान नही पहले सम्मान चाहिए।
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गाय के अध्यात्म पक्ष का जितना महत्व है उससे अधिक आर्थिक पक्ष का है अभी तक हमने गाय को केवल दूध देने तक सीमित रखा है, लेकिन जिस इस देश में गाय के गोबर और गौमूत्र पर काम होना शुरू होगा। उस दिन अमेरिका का 70 डॉलर और भारत का एक रुपये बराबर होगा। इस प्रकार उन्होंने गौ संरक्षण के द्वारा पूरे राष्ट्र के कल्याण की बात कही है,उन्होंने कहा कि अगर वे संसद पहुंचे तो वो संसद में गौ को पशु मंत्रालय से अलग कर गौ मंत्रालय बनाने व राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए सभी सांसदों को एकमत बनाने का प्रयास करेंगे।