भारत बंद : उत्तराखंड में जुलूस-प्रदर्शन शुरू, जरूरी सेवाएं ठप
देहरादून : एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में सवर्ण वर्ग के संगठनों की ओर से भारत बंद के आह्वान पर उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में सुबह से ही बाजार बंद रहे। जिससे दूध और दवा जैसी जरूरी सुविधाएं भी ठप रहीं। देहरादून में नव भारत निमार्ण संस्था की ओर से विरोध रैली निकाली गई।
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गुरुवार को विरोध में कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, थराली और गैरसैंण में बाजार बंद रहे। अखिल भारतीय समानता मंच के आवाह्न पर यहां बाजार बंद रहा। बताया गया कि इस बंद को व्यापार संघ सहित कई संगठनों का समर्थन है। रुद्रप्रयाग जिले में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। गोपेश्वर में स्कूल भी बंद कराए गए। चमोली जिले के गौचर में एससी एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद का व्यापक असर रहा। सुबह से ही बाजार पूरी तरह से बंद रहा। जिससे दूध, दवा जैसी आवश्यक सेवाओं के प्रतिष्ठान भी ठप रहे। ग्रामीण क्षेत्रों से खरीदारी करने आए ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ा। सभी मेडिकल स्टोर पूर्णतया बंद रहने से मरीजों के तीमारदार दवाओं के लिए भटकते रहे। बाजार में जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं में बैठे व्यापारी एससी एसटी एक्ट और आरक्षण के विरोध में चर्चा- परिचर्चा में मशगूल रहे।
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बता दें कि एक्ट में संशोधन के विरोध में सवर्ण वर्ग के संगठन आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने भारत बंद का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर देश के संवेदनशील जिलों में धारा 144 भी लागू की गई है। प्रदेश में भी इसका असर दिख सकता है, लिहाजा पुलिस की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि कई इनपुट और सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस और एलआईयू को अलर्ट रहने को कहा गया है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखे जाने पर तत्काल रोकथाम के कदम उठाए जाएंगे। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। हालांकि, उन्होंने किसी प्रकार के आंदोलन या प्रदर्शन की सूचना होने से इंकार किया है। वहीं अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहने की घोषणा की है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल का कहना है कि पूरे देश में प्रदर्शन होते हैं तो इसका असर देहरादून में भी देखा जा सकता है। वादकारियों को परेशानी न हो इसलिए यह घोषणा की गई है।