सालों बाद बन रहा ऐसा संयोग, राशि के अनुसार लगाएं कान्हा को भोग, चमक जाएंगे किस्मत के तारे
भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में जन्मे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दो सितंबर को आधी रात को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर चारों तरफ उत्साह बना हुआ है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर ठीक वैसा ही संयोग बना है, जैसा द्वापर युग में कान्हा के जन्म क समय बना था।
इस साल अष्टमी तिथि रविवार दो सितंबर को रात्रि…
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल अष्टमी तिथि रविवार दो सितंबर को रात्रि 8.51 बजे से शुरू हो रही है, जो कि सोमवार तीन सितंबर को शाम 7.21 बजे तक रहेगी। इसलिए दो सितंबर को ही व्रत रखना शुभ होगा ।रोहिणी नक्षत्र रात्रि 8:49 बजे से सोमवार रात्रि 8:05 बजे तक रहेगा। 3 सितंबर को अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र का संयोग शाम 7:20 बजे तक रहेगा इसके बाद अर्द्धरात्रि में नवमी तिथि मृगशिरा नक्षत्र व्याप्त होने से अष्टमी व्रत का विशेष माहात्म्य नहीं होगा। इसलिए 2 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अर्द्धरात्रि अष्टमी रोहिणी नक्षत्र वृषभ लग्न चंद्रोदय काल में मनाना शुभ रहेगी। लेकिन इस दिन गलती से भी ये कुछ काम नहीं करने चाहिए। इससे कान्हा नाराज हो जाते हैं।जिससे जीवन में कठिनाईयां पैदा होती हैं।
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कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में आधी रात यानी…
बता दें कि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में आधी रात यानी बारह बजे रोहिणी नक्षत्र हो और सूर्य सिंह राशि में तथा चंद्रमा वृष राशि में हों, तब श्रीकृष्ण जयंती योग बनता है।अर्द्ध व्यापिनी सप्तमी युक्त अष्टमी को व्रत, उपवास और जागरण करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि किसी भी पर्व के दिन को तय करने में तिथि महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। वार और नक्षत्र का इसमें इतना असर नहीं पड़ता है। इस लिहाज से निर्णय सिंधु के अनुसार दो सितंबर को अर्द्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी को व्रत, उपवास और जागरण करना शुभ है, जबकि अगले दिन तीन को जन्मोत्सव को मनाया जाना चाहिए।
इस दिन कान्हा का घी शहद, दूध, दही आदि पंचअमृत से अभिषेक कराया जाता है। लेकिन अगर आप राशि के अनुसार कान्हा को भोज लगाएंगे तो आपके जीवन में तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
मेष: राशि के जातको पर श्री कृष्ण जी की कृपा आप पर रहेगी। सामाजिक रुप से यश और कीर्ति में वृद्धि होगी। मिश्री का भोग लगाने से कृष्ण जी प्रसन्न होंगे।
वृषभ: राशि के जातको पर जन्माष्टमी का दिन शुभ फलदाई है। व्यवसाय में स्थिति अनुकूल रहेगी तथा आपके कार्य की प्रशंसा होगी। मक्खन का भोग लगाएं ।
मिथुन: राशि के जातको के लिए धन प्राप्ति का के लिए अच्छा दिन है। अधिकारियों के साथ वाद-विवाद ना करें अन्यथा हानि हो सकती है दही का भोग लगाएं ।
कर्क: राशि वाले वाणी पर संयम रखें। माध्य के बाद विदेश से शुभ समाचार प्राप्त होगा। संतान के विषय में चिंता रहेगी। पीला माखन का भोग लगाएं ।
सिंह: राशि के जातको का स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। मित्रों तथा संबंधियों के साथ घूमने फिरने की योजना बनाएंगे क्रोध और वाणी पर संयम रखें मिश्री माखन का भोग लगाएं।
कन्या: राशि के जातको को कार्य में सफलता मिलेगी आनंदित होंगे। यश और कीर्ति में वृद्धि होगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। परिवार में सुख संपत्ति बनी रहेगी। फल और मक्खन का भोग लगाएं।
तुला: राशि के जातक सृजनात्मक कार्य करने में आगे बढ़ेंगे संभव हो सके तो यात्रा टाल दे। आकस्मिक खर्च के योग हैं। मक्खन से बना प्रसाद का भोग लगाएं।
वृश्चिक: राशि के जातको का आर्थिक योजना बनाना सफल होगा। माध्य के बाद वैचारिक स्थिरता नहीं रहेगी। नए वस्त्र भूषण तथा प्रसाधन के पीछे धन ख़र्च होने की आशंका है । खीर का भोग लगाएं ।
धनु: राशि के जातको का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आज बना रहेगा। भौतिक वस्तु पर खर्च होंगे । कागजों पर हस्ताक्षर करते हुए सावधानी बरतें। मिश्री माखन का भोग लगाएं।
मकर: राशि के जातको का राशि वाले जन्माष्टमी पर अधिक वाद विवाद ना करें धार्मिक कार्यों और उपासना के पीछे धन ख़र्च हो सकता है। भाग्य में वृद्धि के योग हैं। सफेद मिष्ठान का भोग लगाएं ।
कुंभ: राशि के जातक नकारात्मक भावनाओं को महत्व ना दें। शिक्षा के मामले में छात्रों के लिए दिन अच्छा है। धन लाभ हो सकता है। पंजीरी का भोग लगाएं ।
मीन: राशि के जातको को धन के लेन देन उगाही में निवेश करते समय सावधानी बरतें। वाणी और क्रोध पर संयम बरतें अन्यथा हानि हो सकती है। केले का भोग लगाएं