सोमवार दोपहर अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा की मुख्यधारा में स्नान के लिए गये करीब चार दर्जन लोग टापू में फंस गये। चारों ओर से पानी से घिरने पर उनके होश उड़ गये। पुलिस के गोताखोर जवानों ने रेस्क्यू कर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। नव वर्ष पर ऋषिनगरी घूमने आये पर्यटक सोमवार दोपहर स्नान के लिए त्रिवेणीघाट पहुंचे थे।
सकते में आ गये स्नान को गये श्रद्धालु
सोमवार दोपहर दो बजे अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। एक घंटे के भीतर दो सौ मीटर दूर बह रही गंगा त्रिवेणीघाट को छूकर बहने लगी। इससे मुख्यधारा में स्नान को गये श्रद्धालु सकते में आ गये। घाट पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना त्रिवेणीघाट चैकी पुलिस को दी। जल पुलिस जवान व गोताखोर मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया। गोताखोरों ने कुछ ही देर में टापू पर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। करीब एक घंटे बाद जलस्तर घटने पर स्थिति सामान्य हो पाई।
केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि सोमवार दोपहर दो बजे से जलस्तर अचानक बढ़ने लगा। 336 आरएल मीटर पर बह रही गंगा का जलस्तर एक मीटर बढ़कर 337 तक पहुंच गया। हालांकि इतना जलस्तर घटना-बढ़ना सामान्य बात है। पुलिस की रेस्क्यू टीम में हेड कांस्टेबल मनोज आर्य, हरीश गुंसाई, महावीर सिंह नेगी, मुकेश गौड, दीपक रावत, रमेश चैहान आदि शामिल थे। चैकी इंचार्ज त्रिवेणीघाट राजबीर सिंह राणा ने बताया कि टापू पर फंसे लोगों में हरियाणा, एमपी, दिल्ली के साथ ही स्थानीय लोग भी शामिल थे।