Black Box : क्या होता है ब्लैक बॉक्स, जिसकी वजह से पता चल सकता है प्लेन क्रैश का कारण?

Black Box : अहमदाबाद में 12 जून को हुए भयावह विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश में अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है, और कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं। हादसे की भयावहता को देखते हुए अब पूरा देश यह जानना चाहता है कि आखिर इस त्रासदी की असल वजह क्या थी?

यही कारण है कि हादसे के कुछ घंटों बाद ही विशेषज्ञों की नजर विमान के “ब्लैक बॉक्स” पर टिक गई। दरअसल, ब्लैक बॉक्स ही वह उपकरण होता है जो प्लेन के क्रैश का सच्चा कारण सामने लाने में मदद करता है।

Black Box : ब्लैक बॉक्स क्या होता है?

ब्लैक बॉक्स, जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा उपकरण है जो विमान के उड़ान के दौरान हर तकनीकी और बातचीत संबंधी गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।

यह दो मुख्य हिस्सों में बंटा होता है:

1. FDR (Flight Data Recorder):

इसमें विमान की ऊंचाई, गति, दिशा, इंजन की स्थिति, ईंधन स्तर, तापमान, थ्रस्ट और सेंसर से जुड़ी हजारों जानकारियां हर सेकंड रिकॉर्ड होती हैं।

2. CVR (Cockpit Voice Recorder):

यह कॉकपिट में हुई बातचीत, चेतावनी अलार्म, रेडियो कम्युनिकेशन, और अन्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है।

इन दोनों रिकॉर्डरों को मिलाकर ही इसे सामान्य भाषा में ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है, हालांकि यह काले रंग का नहीं बल्कि नारंगी रंग का होता है ताकि हादसे के बाद मलबे में आसानी से दिख सके।

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Black Box : अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स का क्या रोल है?

Air India की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद सिविल अस्पताल के हॉस्टल ब्लॉक से टकरा गई। हादसे में विमान पूरी तरह जल गया और टुकड़ों में बिखर गया।

हादसे के करीब 6 घंटे बाद, राहत एवं बचाव दलों ने विमान का ब्लैक बॉक्स मलबे से बरामद कर लिया। अब इसे दिल्ली स्थित DGCA लैब और अमेरिका के NTSB (National Transportation Safety Board) के सहयोग से जांचा जा रहा है।

Black Box : ब्लैक बॉक्स कैसे बताता है क्रैश की असली वजह?

ब्लैक बॉक्स में मौजूद डाटा यह बताएगा कि:

क्या टेकऑफ के वक्त इंजन में कोई गड़बड़ी हुई थी?

पायलट्स ने आखिरी क्षणों में क्या बातचीत की थी?

क्या मौसम संबंधी कोई बाधा थी?

विमान में आग कैसे लगी और किन तकनीकी कारणों से नियंत्रण खत्म हुआ?

ब्लैक बॉक्स का डेटा आमतौर पर 25 घंटे की उड़ान जानकारी और 2 घंटे की आवाज रिकॉर्डिंग सहेज कर रखता है। इसे डीकोड करने में कई हफ्तों या महीनों तक का समय लग सकता है, लेकिन यही सबसे पुख्ता तकनीकी सबूत होता है।

Black Box : ब्लैक बॉक्स कैसे बना होता है और यह हादसे में कैसे बच जाता है?

ब्लैक बॉक्स को खासतौर पर इतने मजबूत ढंग से तैयार किया जाता है कि वह:

1100 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी झेल सकता है

3400 G-force तक की टक्कर को सह सकता है

20,000 फीट की गहराई में 30 दिन तक पानी में डूबा रह सकता है

इसमें एक अंडरवॉटर लोकाटर बीकन भी होता है जो हादसे के बाद लगातार सिग्नल भेजता है ताकि उसे ढूंढा जा सके।

Black Box : हादसे की जांच में अब तक क्या सामने आया?

अहमदाबाद हादसे की शुरुआती जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि विमान के इंजन थ्रस्ट में गड़बड़ी आई थी। पायलट ने टेकऑफ के ठीक बाद ‘मायडे’ सिग्नल भी भेजा था, जो किसी आपात स्थिति की ओर इशारा करता है। लेकिन उसके कुछ ही क्षण बाद संपर्क टूट गया और विमान नीचे गिर गया।

ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग यह बताएगी कि:

इंजन की रफ्तार अचानक कैसे घटी?

क्या कॉकपिट में किसी तरह की आग लगी थी?

पायलट्स ने किस तरह के निर्णय लिए और उनका व्यवहार कैसा था?

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Black Box : पीएम मोदी की प्रतिक्रिया और सरकार की कार्रवाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख जताया है और सिविल अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि “ब्लैक बॉक्स की जांच पूरी पारदर्शिता से होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।”

वहीं, एयर इंडिया और DGCA की टीम ने Boeing और GE Aerospace से टेक्निकल सहायता भी मांगी है।

ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान दुर्घटना के बाद सच्चाई तक पहुंचने का सबसे अहम माध्यम होता है। अहमदाबाद हादसे में भी अब पूरी उम्मीद इसी डिवाइस से है, जिससे यह पता चल सके कि 265 जिंदगियों को लीलने वाला यह हादसा इंसानी गलती थी, तकनीकी खामी या कुछ और।

जब तक ब्लैक बॉक्स के डेटा की फाइनल रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक यह कहना मुश्किल होगा कि दोष किसका था। लेकिन एक बात तय है — ब्लैक बॉक्स के बिना इस हादसे की जांच अधूरी है।

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