Health : बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं, जिनमें सबसे आम समस्या होती है जोड़ों में दर्द। यह दर्द आमतौर पर घुटनों, कूल्हों, पीठ, गर्दन और हाथ-पैरों के जोड़ों में महसूस होता है। इस समस्या को लोग “आर्थराइटिस”, “घुटनों का घिसना”, “संधिवात” या “सोज़िश” जैसे नामों से भी जानते हैं। जोड़ों का दर्द न सिर्फ शारीरिक परेशानी बनता है, बल्कि यह बुजुर्गों की दिनचर्या और जीवनशैली को भी प्रभावित करता है।
ऐसे में समय रहते सही उपाय और लाइफस्टाइल में बदलाव से इस दर्द को कम किया जा सकता है। आइए जानें बुढ़ापे में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के 10 असरदार और सुरक्षित उपाय—
Health : वजन को नियंत्रित रखें
जोड़ों पर सबसे ज्यादा दबाव शरीर के वजन का होता है, खासतौर पर घुटनों पर। मोटापा या अधिक वजन जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे वे जल्दी घिसने लगते हैं।
समाधान: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।
Health : संतुलित आहार लें
बुढ़ापे में शरीर को पोषक तत्वों की ज़रूरत और भी ज्यादा होती है। विशेषकर कैल्शियम, विटामिन D, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होनी चाहिए, क्योंकि ये हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाते हैं।
खाने में शामिल करें: दूध, दही, पनीर, मछली, अलसी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, अखरोट, मूंगफली आदि।
Health : सप्ताह में 4-5 दिन हल्का व्यायाम करें
बुजुर्गों को ऐसा व्यायाम करना चाहिए जो जोड़ों को नुकसान न पहुंचाए और शरीर को सक्रिय बनाए रखे।
सुझावित व्यायाम: हल्की वॉक, योग, स्ट्रेचिंग, साइकलिंग (स्टैटिक), स्विमिंग आदि।
ध्यान दें: कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
Health : फिजियोथेरेपी का सहारा लें
फिजियोथेरेपी से जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिलती है। इससे सूजन कम होती है और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
कब करें: अगर नियमित दर्द बना रहता है या चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है तो किसी एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट की मदद लें।
Health : गर्म या ठंडी सिकाई
गर्म पानी की सिकाई से रक्त प्रवाह तेज होता है और मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है। वहीं, सूजन वाले जोड़ों पर ठंडी सिकाई (ice pack) फायदेमंद होती है।
कैसे करें: दिन में दो बार 10-15 मिनट के लिए सिकाई करें।
Health : सप्लिमेंट्स का सेवन डॉक्टर से पूछकर करें
बुढ़ापे में कई बार शरीर को ज़रूरी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी हो जाती है, जो जोड़ों की सेहत पर असर डालती है।
सुझावित सप्लिमेंट्स: कैल्शियम, विटामिन D3, ग्लूकोसामीन, कोलेजन, ओमेगा-3 कैप्सूल।
नोट: इनका सेवन डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करें।
Health : जोड़ों को आराम दें, पर बिलकुल न छोड़ें
अक्सर दर्द से बचने के लिए लोग चलना-फिरना बंद कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना और नुकसानदेह होता है।
बेस्ट तरीका: सीमित लेकिन नियमित मूवमेंट बनाए रखें, जिससे जोड़ों की लचीलापन बनी रहे।
Health : तनाव से दूर रहें
तनाव शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) को बढ़ाता है, जिससे जोड़ों का दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है।
तनाव कम करने के उपाय: ध्यान (मेडिटेशन), गहरी सांस लेना, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना, परिवार के साथ समय बिताना।
Health : आरामदायक और सपोर्टिव जूते पहनें
घुटनों और कमर के दर्द से बचने के लिए पैरों को सही सपोर्ट मिलना जरूरी है।
बेस्ट फुटवियर: कंफर्टेबल, कुशन वाले और एंटी-स्किड जूते पहनें।
Health : आयुर्वेद और घरेलू उपाय
भारत में सदियों से जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल और जड़ी-बूटियां उपयोग की जाती रही हैं।
प्राकृतिक उपाय:
नारियल या सरसों के तेल में लहसुन पकाकर मालिश करें।
हल्दी वाला गर्म दूध पीना सूजन में आराम देता है।
अश्वगंधा, गुग्गुलु, शिलाजीत जैसी आयुर्वेदिक दवाएं भी कारगर हैं (डॉक्टर की सलाह से लें)।
बुढ़ापे में जोड़ों का दर्द कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, बल्कि सही खानपान, व्यायाम और थोड़े से ध्यान से इस पर काबू पाया जा सकता है। सबसे जरूरी बात है – दर्द को नजरअंदाज न करें और समय पर इलाज करवाएं।
अगर दर्द बढ़ता जा रहा है या चलने-फिरने में ज्यादा परेशानी हो रही है, तो ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से मिलकर MRI या X-ray करवाना जरूरी हो सकता है।
स्वस्थ जोड़ों के साथ बढ़ती उम्र को भी एंजॉय किया जा सकता है – बस अपनाइए सही उपाय और लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव।
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