देहरादून से 4000 डीजल-पेट्रोल ऑटो होंगे बाहर
देहरादूून शहर में प्रदूषण फैला रहे डीजल व पेट्रोल ऑटो को बाहर करने का रास्ता साफ हो गया है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक के फैसलों पर शासन ने मुहर लगा दी है। ऐसे में अब देहरादून में इलेक्ट्रिक और बैटरी चालित ऑटो को ही परमिट मिलेगा। जिन डीजल व पेट्रोल ऑटो की परमिट की वैधता खत्म हो जाएगी, उनका परमिट उसी सूरत में नवीनीकृत किया जाएगा, जब उक्त परमिट पर नया बैटरी चालित ऑटो खरीदा जाएगा।
देहरादून, विकासनगर व ऋषिकेश समेत हरिद्वार में शहर से सटे उन ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में छोटे वाहनों के परमिट देने को भी शासन से स्वीकृति मिल गई है। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में सुधार के लिए गत 20 फरवरी को संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक 56 मामलों पर मंडल आयुक्त दिलीप जावलकर व प्राधिकरण के सचिव सुधांशु गर्ग ने सुनवाई की थी। इस दौरान सबसे बड़ा फैसला डीजल व पेट्रोल ऑटो को शहर से बाहर कर यहां बैटरी व इलेक्ट्रिक ऑटो संचालन का था।
हालांकि ऑटो संचालक इसकी खिलाफत करते रहे, मगर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शासन ने प्राधिकरण के फैसलों को बुधवार को हरी झंडी दे ही दी। नए परमिट सिर्फ इलेक्ट्रिक व बैटरी चालित ऑटो को ही मिलेंगे। अब डीजल-पेट्रोल ऑटो का परमिट नवीनीकृत नहीं होगा। आरटीओ सुधांशु गर्ग ने बताया कि बैठक के फैसलों को शासन की मंजूरी के बाद बुधवार शाम लागू कर दिया गया।
शासन ने ग्रामीण मार्गों पर सात यात्री से 13 यात्री तक क्षमता वाले छोटे वाहनों को परमिट देने पर भी मंजूरी दी है। हालांकि, इनके नए परमिट हाईकोर्ट के फैसले के ही अधीन रहेंगे, क्योंकि नए परमिट के विरुद्ध सिटी बस यूनियन हाईकोर्ट गई हुई है। माल ढुलान के व्यापारियों का परिवहन विभाग में अभिकर्ता के रूप में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी पर लगेगा अंकुश
ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने और यात्रियों को राहत देने के लिए परिवहन प्राधिकरण ने एक मई से सभी ऑटो में किराया मीटर अनिवार्य कर दिया है। दून में करीब 4000 ऑटो दौड़ते हैं। सर्वाधिक शिकायतें मनमाफिक किराया वसूलने की है। रात में ऑटो चालकों की मनमानी और बढ़ जाती है। यात्री लगातार इसकी शिकायत परिवहन विभाग में करते रहते हैं। परिवहन विभाग का दावा है कि मीटर लगने के बाद प्रति किमी किराया भी तय कर दिया जाएगा ताकि मनमाना किराया बंद हो सके।