जानें … उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को किस तरह बेहतर बनाया जा रहा
देहरादून। उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा अपर सचिव एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भारत सरकार मनोज झालानी ने की। समीक्षा के दौरान अपर सचिव द्वारा उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य मिशन की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए गए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्योें के बारे में बताया जिसमें हेल्थ एंड वैलनेस सेन्टरों को प्रारम्भ करने की दिशा में अभी तक कर लिए गए कार्यों की जानकारी दी। अपर सचिव झालानी ने निर्देश दिए कि हैल्थ एण्ड वैलनैस सेन्टरों पर दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिशचित की जाए ताकि जनता को जिला अस्पताल जाने के बजाय अपने घर के समीप ही उपचार प्राप्त हो सके।
झालानी ने यह भी निर्देशित किया कि हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर पर दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में पर्याप्त जागरूकता की जाए और स्वास्थ्य सेवाओं को लेने के लिए आशा कार्यकत्री के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता की जाए। अपर सचिव ने विभाग द्वारा क्रय की जा रही औषधियों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाने पर जोर दिया तथा कहा कि दवाईयों की प्रयोगशाला जांच हेतु पर्याप्त संख्या में लैब अधिकृत की जाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
स्वास्थ्य सचिव नितेश झा द्वारा भारत सरकार के मिशन निदेश को 104 हैल्प लाईन प्रणाली की जानकारी दी जिसका सत्यापन अपर सचिव ने स्वयं के मोबाईल फोन लगा कर किया। इसकी कार्य प्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री मनोज झालानी ने सुझाव दिया कि 104 हैल्प लाईन पर टेली कम्यूनिकेशन की सुविधा के द्वारा लोगों को स्वास्थ्य देखभाल के बारे में परामर्श दिया जाना चाहिए।
समीक्षा बैठक के दौरान नितेश झा द्वारा उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाने के लिए किए जा रहे सूचना तकनीक प्रयासों की जानकारी दी तथा बताया कि आज के दिन तक राज्य के 101 चिकित्सालयों में इस तकनीक द्वारा ई-पर्ची व्यवस्था प्रारम्भ हो चुकी है।
झा के अनुसार ई-पर्ची लागू करने से अस्पतालों में प्रति दिन आने वाले मरीजों और उन्हें दिए जाने वाले उपचार की जानकारी प्राप्त हो रही है इसके अतिरिक्त चिकित्सकों की अस्पताल में उपस्थिति तथा अन्य कार्यों के लिए डयूटी पर रहने की विस्तृत जानकारी ई-पर्ची व्यवस्था से प्राप्त हो रही है। राज्य की सरकार की इस पहल पर भारत सरकार के अपर सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त की तथा इसकी सराहना करते हुए इस योजना कोअपना अस्पताल पोर्टल से जोडने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि भारत सरकार द्वारा संचालित अपना अस्पताल योजना के माध्यम से मरीजों की फीड बैक तथा अस्पतालों की सेवाओं के बारे में उनकी संतुष्टि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। झालानी ने सुझाव दिए कि इस आधार पर संबंधित चिकित्सालय के अधीक्षक की वार्षिक गोपनीय आख्या लिखी जा सकती है और चिकित्सकों की तर्क संगत तैनाती करने में सरकार को आसानी होती है। समीक्षा बैठक से पूर्व भारत सरकार के अपर सचिव द्वारा गांधी शताब्दि चिकित्सालय का भ्रमण किया और वहां पर कार्यशील हो चुकी महिला एवं बच्चा विभाग की सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। भ्रमण के दौरान स्वास्थ्य सचिव एवं निदेशक स्वास्थ्य द्वारा भारत सरकार के अपर सचिव को जिला चिकित्सालय के रूप में गांधी चिकित्सालय को विकसित किए जाने के बारे में बतायां।
समीक्षा बैठक में अपर परियोजना निदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक एनएचएम डा अंजलि नौटियाल, निदेशक स्वास्थ्य डॉ अमिता उप्रेती, वित्त निदेशक शेलेन्द्र शंकर सिंह, अपर निदेशक डॉ सरोज नैथानी एवं एनएचएम के अधिकारी उपस्थित रहे।