पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, पूर्व कोतवाल व दो दारोगा पर हत्या का केस | Nation One
रायबरेलीः लालगंज कोतवाली में पुलिस हिरासत के दौरान युवक की तबीयत बिगडऩे और उसकी मौत होने के मामले में आखिरकार एफआइआर हो ही गई। एडिशनल एसपी इस प्रकरण की जांच कर रहे थे जिनकी रिपोर्ट के आधार पर पूर्व कोतवाल, दो दारोगा और आरक्षियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रकरण की विवेचना सीओ सलोन को सौंपी गई है।
26 अगस्त को पूरे बैजू मजरे बेहटा के मोहित कुमार को बाइक चोरी की शंका में कोतवाली लाया गया। यहां 29-30 अगस्त की रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन उसे जिला अस्पताल लाया गया मगर, महज चार घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। इसके बाद तत्कालीन कप्तान स्वप्निल ममगाईं ने इंस्पेक्टर हरिशंकर प्रजापति और दोनों दारोगा जेपी यादव और अरविंद मौर्य को निलंबित कर दिया था। जांच एएसपी नित्यानंद राय को सौंपी गई। उधर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मोहित के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले थे।
ममगाईं की पहल पर उस परिवार को आर्थिक मदद मुहैया करा दी गई थी, तब से ये मामला ठंडे बस्ते में था। बुधवार को एएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट एसपी श्लोक कुमार को सौंपी। एसपी ने मोहित की मां द्वारा पूर्व में दी गई तहरीर के आधार पर पूर्व कोतवाल, दोनों दारोगा और अज्ञात आरक्षियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।
मुकदमा लिखाने के बाद छिपाते रहे बात
बुधवार की दोपहर में ही ये मुकदमा लिखा दिया गया मगर, अधिकारी इस बात को छिपाते रहे। बुधवार शाम ही अंदर से किसी ने ये बात लीक की। बावजूद इसके, गुरुवार की दोपहर तक लालगंज कोतवाल और सीओ अनभिज्ञता जताकर गुमराह करते रहे। बाद में एसपी ने स्वयं बाइट भेजकर इसकी पुष्टि की।
नहीं हटा आरक्षी
मोहित प्रकरण में सुनील कुमार नाम के आरक्षी का नाम सामने आया। पूर्व एसपी स्वप्निल ने उन्हें लालगंज से हटा दिया था मगर, वह अब भी वहीं टिका है और बेहटा बीट को ही देख रहा है। इसको लेकर गांव वालों में खासी नाराजगी है। इधर पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि, एएसपी की जांच में जो भी तथ्य सामने आए हैं, उन्हें विवेचना में शामिल किया जाएगा। निष्पक्ष विवेचना के लिए सीओ सलोन को नामित किया गया है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोट की बात सामने नहीं आई है।