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स्टिंग ऑपरेशन से योगी राज में मची खलबली, तीन मंत्रियों के पीएस हुए निलंबित, जांच करेगी एसआइटी
लखनऊ: एक निजी चैनल के द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश के तीन मंत्रियों के निजी सचिव के करोडों की डील करने के वीडियो ने योगी राज में खलबली मचा दी है। स्टिंग में घूस का मामला सामने आने के बाद तीनों मंत्रियों के निजी सचिव को निलंबित कर दिया गया है।
इस स्टिंग ऑपरेशन ने अब राजनीतिक हलचल भी बढ़ा दी है। समाजवादी पार्टी ने स्टिंग को भ्रष्टाचार का सबूत बताते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गई है। ‘ऑपरेशन सीएम की नाक के नीचे’ के तहत उत्तर प्रदेश विधानसभा की इमारत में स्टिंग ऑपरेशन करके रिश्वतखोरी का खुलासा किया। स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडे और संदीप सिंह के निजी सचिव कैमरे में घूस की डीलिंग करते हुए कैद हुए थे।
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सरकार ने लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तीनों निजी सचिवों को तत्काल सस्पेंड करने और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। सरकार ने जो एसआईटी बनाई है उसमें आईजी एसटीएफ और विशेष सचिव IT राकेश वर्मा को शामिल किया गया है। एसआईटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। स्टिंग में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप बेसिक शिक्षा विभाग में तबादला कराने के लिए 40 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा स्कूलों में बैग व ड्रेस की सप्लाई के ठेके के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के पति से डील कराने की बात हो रही है। यह पूरा खेल मंत्री राजभर के विधानभवन स्थित कार्यालय से चल रहा था।
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पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप कई विभागों के लिए घूस मांगते नजर आए। इसी तरह से खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी डीएस से परमिशन से लेकर आबकारी के एक काम के लिए डील करते दिखाई दिए। वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी किताबों के ठेके का सौदा करते दिखे। मामला उजार होने के बाद हड़कंप मच गया। कल स्टिंग सामने आने के बाद सरकार आज हरकत में हैं। इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टीगेटिंग टीम करेगी। लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्णा के नेतृत्व में टीम इसकी जांच करेगी।