उत्तर प्रदेश में अब थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को संपत्ति में आम इंसान जैसा अधिकार मिलेगा। प्रदेश की योगी सरकार ने थर्ड जेंडर के व्यक्तियों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार और उत्तराधिकार देने का फैसला किया है। इसके लिए थर्ड जेंडर के व्यक्ति को भू-खातेदार के परिवार के सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय किया गया है।
थर्ड जेंडर व्यक्तियों को भी अन्य लोगों की तरह समान अधिकार और सामाजिक मान्यता मिल सके जिसके चलते सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता विधेयक-2020 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है, सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में यह विधेयक पेश करेगी।
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2020 के माध्यम से औद्योगिक और अवस्थापना परियोजनाओं के लिए सहजता से भूमि सुलभ कराने, कृषि भूमि को गैर कृषिक कार्यों के लिए उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल बनाने तथा निजी उद्योगों के लिए जमीन के विनिमय की प्रक्रिया को सहज बनाने की खातिर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता में संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं।
थर्ड जेंडर के व्यक्ति को भू-खातेदार के परिवार के सदस्य के रूप में शामिल किए जाने और उसे भौमिक अधिकार व उत्तराधिकार देने के मकसद से राजस्व संहिता की धारा-4(10), 108(2) 109 और 110 में संशोधन प्रस्तावित हैं। अभी तक सिर्फ स्त्री और पुुरुषों को ही संपत्ति में उत्तराधिकार प्राप्त था।