एकजुटता की वकालत कर रहे कार्यकर्ता आपस में ही भिड़े

गुरुवार को कांग्रेस के संगठन को मजबूत बनाने को आयोजित बैठक में एकजुटता बनाए रखने की पोल खुल गई। विधानसभा चुनावों में हुई गुटबाजी का जिन्न एक बार फिर प्रकट हुआ। एकजुटता की वकालत कर रहे कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। राज्यसभा सांसद के बीच में आने से हाथापाई तो थमी परंतु आधे से अधिक कार्यकर्ता बैठक छोड़ कर चल दिए।

गुरुवार को निकाय चुनावों को देखते हुए कांग्रेस की बैठक का आयोजन किया गया। राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा की अध्यक्षता में लोनिवि विश्राम गृह में सुबह नौ बजे के आसपास बैठक प्रारंभ हुई। बैठक का एजेंडा संगठन की मजबूती, निकाय चुनाव और भावी कार्यक्रम तय होने थे। बैठक की शुरु आत शांत रही। संगठन की मजबूती को लेकर जब चर्चा चली तो बीते वर्ष विधानसभा चुनावों में हुई गुटबाजी की चर्चा होने लगी। पूर्व विधायक नारायण राम आर्य पहुंचे तो उन्होंने विस चुनावों के भीतरघात और गुटबंदी की बात की। गुटबाजी की बात होते ही एक गुट भड़क गया और सवाल, जबाव होने लगे।

दंगल स्थल बन गया बैठक

कार्यकर्ताओं के तेवर भी उग्र होने लगे। बैठक में दो गुट हो गए और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगने लगे। बैठक दंगल स्थल बन गया और दोनों गुटों के कार्यकर्ता आमने -सामने आकर धक्का मुक्की करने लगे और हाथापाई की नौबत आ गई । स्थिति की नजाकत को देखते हुए सांसद प्रदीप टम्टा बीच में आए और कार्यकर्ताओं को डपट लगाकर समझाने लगे। कार्यकर्ताओं के तेवर काफी तीखे होने लगे। ठीक इस मौके पर जब बैठक की कवरेज के लिए मीडिया कर्मी पहुंचे तो बैठक में हो रहे विवाद को देखते हुए कांग्रेसियों ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। इस दौरान एक गुट के कार्यकर्ता बैठक छोड़ कर चले गए।

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