मन की बात को आंखों से ही पढ़ लेती हैं महिलाएं

लंदन 


एक ताजा शोध में बताया गया है कि महिलाओं में मन को पढ़ने वाले जीन उत्परिवर्तन होने की अधिक संभावना होती हैं। इस कारण वे अपनी आंखों से देखकर ही किसी व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को परख लेती हैं।

शोध करने वाली टीम में एक भारतीय मूल का वैज्ञानिक भी शामिल था। यूके में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर के 89,000 लोगों पर कॉग्नेटिव इंपैथी का टेस्ट किया था। इस परीक्षण का नाम रीडिंग द माइंड इन द आइज यानी आंखों से मस्तिष्क को पढ़ना रखा गया था। इस अध्ययन में पहले ही दिखाया गया था कि लोगों की आंखों में देखकर ही लोग तेजी से इसकी व्याख्या कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति क्या सोच रहा है या महसूस कर रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस परीक्षा में महिलाओं ने औसत से अधिक स्कोर किया। उन्होंने महिलाओं में आनुवंशिक रूपों की पहचान की, जो आंखों से देखकर दिमाग को पढ़ने की क्षमता से जुड़ा है। पिछला अध्ययनों में पताया गया था कि ऑटिज्म और एनोरेक्सिया से जूझ रहे लोग आई टेस्ट में फेल हो गए।कैम्ब्रिज में एक पीएचडी छात्र वरुण वारियर ने कहा कि बोध क्षमता को लेकर किया गया यह दुनिया का सबसे बड़ा अध्ययन है। यह सामाजिक न्यूरोसाइंस के क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और संज्ञानात्मक सहानुभूति में भिन्नता का कारण बनने वाली पहेली की एक और कड़ी को जोड़ती है।

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