लखनऊः विधानसभा के सामने मंगलवार को खुद को आग लगाने वाली महराजगंज की अंजलि तिवारी उर्फ आयशा की बुधवार शाम इलाज के दौरान मौत हो गई. इस मामले में लखनऊ पुलिस ने राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्व. सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक प्रसाद को हिरासत में लिया है.
आलोक पर महिला को आत्मदाह के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने दोनों की कॉल डिटेल खंगाली तो पता चला कि आत्मदाह के प्रयास से पूर्व अंजलि और आलोक के बीच कई बार बातचीत हुई थी. इसी के आधार पर हजरतगंज पुलिस ने बुधवार सुबह गोमतीनगर स्थित आवास से आलोक को हिरासत में ले लिया.
आरोपी आलोक प्रसाद उत्तर प्रदेश दलित कांग्रेस का अध्यक्ष के अलावा महराजगंज से कांग्रेस पार्टी का जिलाध्यक्ष भी है. उसके पिता स्व. सुखदेव प्रसाद कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र में इस्पात व खान राज्यमंत्री के महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.
पुलिस का कहना है कि अंजलि ने जब आत्मदाह का प्रयास किया था, उस वक्त आलोक भी आसपास मौजूद था. बुधवार दोपहर महराजगंज पुलिस की एक टीम भी आलोक से पूछताछ में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंच गई. आलोक के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली के दारोगा नरेंद्र प्रताप राय ने खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज कराया है.
पुलिस ने बताया कि पीड़िता का बयान लेने के लिए मजिस्ट्रेट दो बार सिविल अस्पताल गए मगर, डॉक्टर ने पीड़िता की हालत गंभीर होने की बात कहते हुए उन्हें लौटा दिया। चिकित्सकों का कहना था कि महिला अभी होश में नहीं है.
यह था मामला
विधान भवन के सामने मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे महराजगंज की महिला अंजली तिवारी उर्फ आयशा ने पेट्रोल उड़ेलकर खुद को आग लगा ली थी. पुलिस ने तत्काल आग बुझाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां, उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी.
महिला का कहना था कि पहले पति से संबंध खत्म होने के बाद वह नाम और धर्म बदलकर आसिफ रजा नाम के युवक के साथ अलग घर में रह रही थी. आसिफ सऊदी अरब चला गया तो वह रहने के लिए उसके घर गई मगर, उसके परिवारीजनों ने रखने से इन्कार कर दिया. महिला ने पुलिस से शिकायत की पर उसे कोई मदद नहीं मिली। वह मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ आ गई पर, उसे सफलता नहीं मिली. इसके बाद मंगलवार को उसने खुद को आग लगा ली थी.