‘पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ूंगा 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव’ : योगी आदित्यनाथ | Nation One
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पहली बार कोई बात कही है। उन्होंने कहा है कि, ‘पार्टी जहां से कहेगी, वे वहां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे’।
इसके लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड है। किसे कहां से चुनाव लड़ना है, इसका निर्णय बीजेपी संसदीय बोर्ड में ही होता है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार देर शाम गोरखनाथ मंदिर में मीडियाकर्मियों के साथ मुलाकात में अनौपचारिक बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
जवाब के क्रम में उन्होंने कहा कि, ‘मैं तो हमेशा चुनाव लड़ा हूं’। सीएम योगी ने साढ़े चार साल के अपने कार्यकाल में प्रदेश में आए सकारात्मक बदलावों की विस्तार से चर्चा की।
योगी ने कहा कि गत विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जो कुछ कहा था, सरकार बनने के इन साढ़े चार सालों में हरेक क्षेत्र में उसे करके दिखा दिया है।
सीएम ने कहा कि 2017 में जब हम सरकार में आए तो कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे बदतर थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरे देश में नजीर है। साढ़े चार सालों में कोई दंगा नहीं हुआ. दीपावली समेत सभी पर्व शांतिपूर्वक संपन्न हुए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वैश्विक मंच पर छा गया है. दिवाली तो हमारे आने के पहले से मनाई जाती रही है, प्रयागराज में कुंभ भी पहली बार नहीं हुआ था, लेकिन तब यूपी के सामने पहचान का संकट था।
सीएम ने कहा कि, अयोध्या के दीपोत्सव, प्रयागराज के भव्य-दिव्य कुम्भ जैसे आयोजनों, बेहतर कानून व्यवस्था, निवेश और रोजगार के भरपूर अवसरों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनके क्रियान्वयन से हमने उत्तर प्रदेश को पहचान के संकट से मुक्ति दिलाई है। आज उत्तर प्रदेश का व्यक्ति कहीं भी जाए, उसे सम्मान की निगाह से देखा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साढ़े चार साल में यूपी में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। मोबाइल डिस्प्ले बनाने वाली कम्पनी भारत में नहीं थी, चीन में थी।
कोरोनाकाल में इसे यूपी में लाए। पहले भारत से निवेश बाहर जाता था, आज बाहर से निवेश भारत में आ रहा है और इसमें उत्तर प्रदेश ‘बेस्ट डेस्टिनेशन’ बना है।
शानदार रोड कनेक्टिविटी और सुरक्षा की गारंटी का इसमें बड़ा योगदान है। पहले कहा जाता था कि जहां सड़क में गड्ढे शुरू हों, वही यूपी है लेकिन आज यूपी की पहचान एक्सप्रेस वे और फोर लेन सड़कों के संजाल से होती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी माह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन होने जा रहा है। आज ही प्रधानमंत्री ने इसका प्रजेंटेशन देखा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से 60 लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है।
रोजगार की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है और इतनी पारदर्शिता से नौकरी दी गई है कि कोई अंगुली नहीं उठा सकता।
सीएम योगी ने मार्च 2017 के पहले खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार, कई जिलों में खाद्यान्न चोरी और राशन के अभाव में कुशीनगर में मुसहरों की भूख से मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनाते ही हमने खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की जांच का आदेश दिया।
इसमें 40 लाख राशन कार्ड ऐसे ऐसे मिले जिन पर राशन तो निकल रहा था लेकिन जिसके नाम से कार्ड था उस व्यक्ति को पता ही नहीं था।
खाद्यान्न वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए राशन की 80 हजार दुकानों में ईपास मशीन की व्यवस्था की गई।