रविवार और एकादशी के दिन क्यों नहीं चढ़ाया जाता है तुलसी में जल, जानिए जवाब| Nation One
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्त्व है। भारतीय समाज में तुलसी (Tulsi) के पौधे को घर में रखना काफी शुभ माना जाता है. तुलसी की पूजा की जाती है और इनकी शादी भी कराई जाती है। तुलसी (Basil) के पौधे को बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। जिसके एक नहीं बल्कि कई सारे औषधीय गुण भी होते हैं। तुलसी का पौधे को ज्यादातर घरों में स्थान दिया जाता है।
इस पौधे में रोजाना जल (Water) चढ़ाया जाता है और इसकी पूजा-अर्चना भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा बहुत ही शुभ होता है और इस पौधे में साक्षात माता लक्ष्मी का वास होता है। मान्यता है कि इस पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु जी की कृपा हमेशा घर-परिवार पर बनी रहती है।
लेकिन क्या आपको पता है कि जिस तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। उसमें रविवार और एकादशी तिथि के दिन जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों है? तो आइये आज आपको बताते हैं कि रविवार और एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पौधे में जल क्यों नहीं चढ़ाया जाता है।
एकादशी पर इसलिए वर्जित माना जाता है तुलसी पर जल चढ़ाना
एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मान्यता के अनुसार माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम के साथ हुआ है। इसी वजह से देवउठानी एकादशी के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन काफी धूमधाम के साथ करवाया जाता है। माता तुलसी प्रत्येक एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु के लिए निर्जल व्रत करती हैं।
रविवार को तुलसी में इसलिए नहीं चढ़ाते है जल
रोजाना तुलसी में जल अर्पित करने को शुभ माने जाने के बावजूद रविवार को तुलसी में जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि रविवार के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जल व्रत करती हैं। अगर रविवार को तुलसी में जल चढ़ाया जाये तो इससे माता तुलसी का व्रत खंडित हो जाता है। जिसकी वजह से भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि भी प्राप्त नहीं हो पाती है।