राष्ट्र के नाम संदेश में ऐसा क्या था जो पसंद नहीं आया, भाजपा ने क्यों छिपाए डिसलाइक | Nation One
नई दिल्ली : कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सातवीं बार देश के नाम संदेश लेकर आए लेकिन, उनका यह संदेश लोगों को रास नहीं आया. हालांकि, उनका यह संदेश भी कोरोना पर ही था. वे 12 मिनट बोले. कबीरदास के एक दोहे का जिक्र किया. रामचरित मानस में लिखी बात बताई.
तीन धर्मों के छह त्योहारों नवरात्र, दशहरा, ईद, दीपावली, छठ पूजा और गुरुनानक जयंती का जिक्र किया. फिर बिहार में वोटिंग से 8 दिन पहले उन्होंने यह अपील की, ‘जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.’
मोदी के देश के नाम संदेश से पहले भाजपा के यू-ट्यूब चैनल पर लाइक से ज्यादा डिसलाइक थे. जब मोदी का भाषण शुरू हुआ था तो उसके कुछ देर बाद इसे पसंद करने वालों की संख्या सिर्फ 865 थी, जो कि बढ़कर 3.1 हजार ही तक पहुंच पाई जबकि, डिसलाइक की संख्या इसे दुगनी थी यानि, 12 मिनट का भाषण खत्म होने तक भाजपा ने अपने चैनल से डिसलाइक के नंबर छुपा लिए.
आप यहां लाइक-डिसलाइक तो कर सकते थे लेकिन, उसके नंबर नहीं जान सकते थे. हालांकि, पीएमओ, नरेंद्र मोदी और पीआईबी के चैनलों पर मोदी के भाषण पर डिसलाइक से ज्यादा लाइक्स थे, इसलिए यहां नंबर नजर आ रहे थे. नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल चैनल पर मोदी के भाषण की लिंक पर आप कमेंट तो कर सकते थे लेकिन, बाकी लोगों के कमेंट देख नहीं सकते थे.
मोदी ने 12 मिनट में ये कीं बातें
1. जिंदगी और आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है. समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है. हममें से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए फिर से जीवन को गति देने के लिए रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है.
2. हमें हालात को बिगड़ने नहीं देना है: हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, पर वायरस नहीं गया है. बीते सात-आठ महीनों में हर भारतीय के प्रयास से भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में है, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है. हमें उसमें सुधार करना है.
3. साधन संपन्न देशों की तुलना में हमने ज्यादा जानें बचाई: आज देश में फैटेलिटी रेट कम है, रिकवरी रेट ज्यादा है. अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में 10 लाख लोगों में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पास है. भारत में 10 लाख लोगों में मृत्यु दर 83 है. अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन जैसे देशों में ये आंकड़ा 600 के पार है. साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाने में सफल रहा है.
4. कोरोना टेस्ट जल्द 10 करोड़ का आंकड़ा पार करेंगे: देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड्स उपलब्ध हैं. 12 हजार क्वारैंटाइन सेंटर्स हैं. कोरोना टेस्टिंग की 2 हजार लैब काम कर रही हैं. देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी. कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी बड़ी ताकत रही है.
5. ये ना मान लें कि कोरोना चला गया, उससे खतरा नहीं: सेवा परमो धर्म के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर,नर्स, हेल्थ वर्कर, सुरक्षाकर्मियों ने इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा की. इन सभी प्रयासों के बीच ये समय लापरवाह होने का नहीं है. ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है.
6. वीडियो और तस्वीरों में लापरवाही भी नजर आई है: हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें और वीडियो देखे हैं, इनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है या फिर बहुत ढिलाई ले आए हैं, ये ठीक नहीं है. आप लापरवाही बरत रहे हैं और बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं तो आप अपने आपको और अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं.
7. महामारी की वैक्सीन आने तक कमजोर नहीं पड़ना: अमेरिका हो या फिर यूरोप के दूसरे देश जहां कोरोना के मामले कम हो रहे थे. वहां अचानक बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. साथियों संत कबीर दास ने कहा है कि पकी खेती देखी के गर्व किया किसान, अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान अर्थात कई बार हम पकी हुई फसल देखकर अति आत्मविश्वास से भर जाते हैं. लेकिन, फसल घर ना आ जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए. जब तक सफलता पूरी ना मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कमजोर नहीं पड़ना है.
8. हर नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए तैयारी जारी: बरसों बाद हम ऐसा देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर पूरी दुनिया में काम हो रहा है. अनेक देश काम कर रहे हैं और हमारे देश के वैज्ञानिक भी जी-जान से इसमें जुटे हैं. भारत में भी कई वैक्सीन पर काम चल रहा है, कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द हर नागरिक तक कैसे पहुंचे, इसके लिए सरकार की तैयारी जारी है.
9. जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं: रामचरित मानस में शिक्षाप्रद बातें हैं और चेतावनियां भी हैं. इसमें कहा गया है कि रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि। यानी आग, शत्रु, पाप यानी गलती और बीमारी को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. जब तक इनका पूरा इलाज ना हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए, इसलिए याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.
10. जिम्मेदारियां और सतर्कता से जीवन में खुशियां: त्योहारों का समय हमारे जीवन में खुशियों और उल्लास का समय है. एक कठिन समय से आगे निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं. जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता दोनों साथ-साथ चलेंगे, तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी. दो गज की दूरी, साबुन से हाथ धुलना, मास्क लगाना, इसका ध्यान रखिए.
11. करबद्ध होकर प्रार्थना करता हूं, बार-बार हर आग्रह करता हूं: आप सबसे करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि आपको और आपके परिवार को सुरक्षित और सुखी देखना चाहता हूं. उत्साह और उमंग वाला वातावरण चाहता हूं. मैं इसीलिए बार-बार हर देशवासी से आग्रह करता हूं. मीडिया, सोशल मीडिया से आग्रह से कहता हूं कि आप जागरूकता लाने के लिए, इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन जागरण अभियान करेंगे, ये देश के लिए सेवा होगी. आप देश और कोटि-कोटि जनों का साथ दीजिए.
12. मिलकर देश को आगे बढ़ाएंगे, ईद-दीपावली की बधाई: देशवासियों स्वस्थ रहिए, तेज गति से आगे बढ़िए और हम मिलकर देश को आगे बढ़ाएंगे। नवरात्रि, दशहरा, ईद, दीपावली, गुरुनानक जयंती, छठ और सभी त्योहारों की आपको बधाई देता हूं. धन्यवाद.