मानकों के अनुरूप ही उद्योगों से निकला पानी

 

देहरादून


सदन में हंगामे की वजह से प्रश्न प्रहर न चलने से पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सके। लेकिन विधायकों के सवालों का विभागीय मंत्रियों ने लिखित जवाब जरूर सदन में पेश किए।

विधायक देशराज के सवाल पर वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि  हरिद्वार के झबरेड़ा में लगे पेपर उद्योगों ने निकलने वाला पानी मानकों के अनुरूप है और इस पानी से किसी का स्वास्थ्य खराब होने की कोई सूचना नहीं है। विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल पर वन मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 12,089 वन पंचायतों का गठन किया जा चुकी है और इनके अधिकार और दायित्वों का भी निर्धारण किया जा चुका है। विधायक हरभजन सिंह चीमा के सवाल पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सदन को बताया कि अमृत योजना के तहत देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, नैनीताल, हल्द्वानी और रुड़की शहरों को मिलने वाले बजट में किसी भी तरह की भविष्य में कटौती करके हरिद्वार को देने की कोई योजना नहीं है।

विधायक महेंद्र भट्ट के सवाल पर वन मंत्री ने बताया कि सरकार की जानकारी में है कि जगंली जानवर सुअर और भालू आदि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। इन जानवरों को कास्तकारी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए पर्य़ाप्त इंतजामात किए जा रहे हैं। विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 9,29,823 है। इनमें से 32,236 बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। सरकार की ओर से सदन को बताया गया कि अभी बेरोजगारी भत्ता बंद नहीं किया गया है। लेकिन इस भत्ते को समाप्त कर युवाओं को प्रशिक्षण देने की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। ताकि उन्हें स्थायी रोजगार दिलाया जा सके। विधायक प्रीतम के सवाल पर वन मंत्री ने बताया कि सरकार की जानकारी में है कि वन्यजीव आबादी क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं। वन्यजीवों को वनों में ही प्रवास के लिए सरकार के स्तर से कई योजनाएं चलाईं जा रही है।

विधायक चंदनराम दास के सवाल पर वन मंत्री ने बताया कि राज्य में मानव-वानर संघर्ष को कम करने की दिशा में सरकार के स्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। नुकसान की दशा में किसानों को मुआवजा भी देने का प्रावधान है। विधायक काजी निजामुद्दीन के सवाल पर शहरी विकास मंत्री ने इस बात से इंकार किया कि हरिद्वार शहर में मच्छरों की वजह से महामारी फैलने की आशंका है।      विधायक प्रीतम पंवार के सवाल पर मदन कौशिक ने बताया कि कृषकों, मजदूरों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए तीन योजनाएं चलाईं जा रही है। विधायक मनोज रावत के सवाल पर वन मंत्री ने बताया कि केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य की सीमा में आने वाले गांव और बस्तियों को इसकी सीमा से बाहर करने का कोई प्रस्ताव इस समय विचाराधीन नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *