ग्रामीणों ने कोटद्वार नगर निगम के विरोध में किया प्रदर्शन
नगर निगम विरोध संघर्ष समिति के बैनर तले कोटद्वार नगर निगम के विरोध में ग्रामीणों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां मनमानी का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई वहीं ग्रामीणों को अनावश्यक परेशान करने पर नाराजगी भी जताई गई। सोमवार को ग्रामीणों ने नगर के मुख्य मार्गों से तहसील परिसर तक रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज करवाया। आक्रोशित ग्रामीणों ने आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को सबक सिखाने की चेतावनी भी दी।
ग्रामीणों को अनावश्यक परेशान करने की रची साजिश
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी नगर निगम का जिक्र नहीं था, लेकिन सत्ता में आने के बाद अपने लाभ के लिए पालिकाओं का विस्तार की बात करते हुए ग्रामीणों को अनावश्यक परेशान करने की साजिश रची जा रही है। कहा कि वर्तमान में कोटद्वार भाबर में सिंचित कृषि भूमि होने से खेती किसानी करने वाले लोग अपनी आजीविका चलाते हैं। प्रदेश सरकार उक्त सिंचित कृषि भूमि को अधिसूचित कर किसानों के अधिकारों को छीनना चाहती है, जिससे किसान कृषि उपज, बाग बगीचों और फसलोत्पादन से वंचित हो जायेगा।
साथ ही भूमाफियाओं का राज बढने से अपराधों का ग्राफ भी तेजी बढेगा। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार पर क्षेत्र की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए नगर निगम का शिगूफा छोड़ने का आरोप लगाया। प्रदर्शन करने वालों में डा. शक्तिशैल कपरवाण, परवेन्द्र सिंह रावत, गोविन्द डंडरियाल, विजय ध्यानी, विजयेश्वरी झिंकवाण, डा. चंद्रमोहन खर्कवाल, धीरेन्द्र सिंह, संजय, दीपक, संतोष, शकुन्तला देवी, मुन्नी देवी, आशा, कुसुम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणा शामिल थे।