मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन से कानपुर (Kanpur) लाए जा रहे शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) की एक एनकाउंटर में मौत हो चुकी है। भागने की कोशिश में उसे पुलिस की गोलियां लगी। बता दें कि एनकाउंटर (Encounter) से पहले उस गाड़ी का एक्सीडेंट भी हुआ था, जिसमे विकास को लाया जा रहा था।
इस बारे में एसएसपी कानपुर (SSP Kanpur) दिनेश कुमार पी ने बताई पूरी घटना कि कैसे कुछ गाड़ियों से पीछे छुड़ाने के लिए पुलिस (Police) को स्पीड में गाड़ी दौड़ानी पड़ी और यह एक्सीडेंट हो गया। इस दौरान यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम भी साथ थी।
बारिश की वजह से पलट गई स्पीड़ में आ रही गाड़ी
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे काफिले के पीछे कुछ गाड़ियां लगी हुई थी। यह लगातार पुलिस के काफिले को फॉलो कर रही थी। जिसकी वजह से गाड़ी तेज़ भगाने की कोशिश की गई। बारिश तेज़ थी इसलिए गाड़ी पलट गई।
एसएसपी के मुताबिक, इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था। हमारे एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे। उन्होंने कॉम्बिंग की फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई, जिससे वह मारा गया।
एसएसपी ने बताया कि एनकाउंटर कोई चीज़ नहीं होती। हम न्यायिक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं। विकास के जो भी गुर्गे हैं सबको गिरफ्तार किया जाएगा।
एक किमी पहले रोक दिया गया था मीडिया को
बताया जा रहा है कि जब यूपी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी को मध्य प्रदेश से लेकर चली, तभी से मीडिया की गाड़ियां उसे फॉलो कर रहीं थी। कानपुर तक भी मीडिया की गाड़ियां पीछे थी। लेकिन एक जगह पर करीब एक किलोमीटर पहले तक मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया और चेकिंग की जा रही थी। इसके तुरंत बाद एसटीएफ के काफिले में शामिल गाड़ी के पलटने की खबर आई।
कानपुर से आरिफ मोहम्मद की रिपोर्ट