मनमानी करने वाले स्कूलों पर कसेंगे शिकंजा
- शिक्षा मंत्री ने पांडेय ने विधानसभा में सदन को दिलाया भरोसा
- शराब दुकानों का समय बढ़ाने की कांग्रेस की मांग
- चकबंदी कानून का परीक्षण कराएगी राज्य सरकार
- मार्च-2019 तक सूबे के हर गांव-तोक तक बिजली
- आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय नहीं बढ़ेगा
- काशीपुर को जिला बनाने की मांग का परीक्षण
देहरादून
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सदन को आश्वासन दिया है कि निजी स्कूलों की मनमानी को अब और सहन नहीं किया जाएगा। नया सत्र शुरू होते ही सरकार के कदमों का असर दिखाई देना शुरू हो जाएगा। विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ निजी स्कूलों के मामले में अभिभावकों के शोषण की शिकायत आईं थी। इस पर सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। उस वक्त समय कम था। लिहाजा अब नया सत्र शुरू होते ही सरकार के प्रयासों का असर दिखाई देना शुरू हो जाएगा। चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायकों ने मिशनरीज स्कूलों पर भी शिकंजा कसने की मांग सरकार से की। विधायक हरीश धामी ने मानकों के विपरीत चल रहे निजी स्कूलों की बात की मंत्री ने सदन के बताया कि पिछली सरकार ने दो कमरों में चल रहे एक स्कूल को शासकीय सहायता प्राप्त घोषित किया है।
विधायक हरीश धामी के सवाल पर आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि राज्य में अवैध शराब के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि पहाड़ों में शराब की दुकानें खोलने का समय और भी बढ़ाया जाना चाहिए। धामी ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया। विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल पर सरकार की ओर से संसदीय कार्य़मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि इस वक्त राज्य में 65 राजस्व गांव और 4758 तोक और मजरे बिजली विहीन है। सरकार का लक्ष्य मार्च-2019 तक इन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का है। कुछ स्थानों पर सोलर लाइट की व्यवस्था होगी तो अधिकांश को पावर ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
पुलिस कर्मियों के लिए नहीं साप्ताहिक अवकाशः विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने सरकार से जानना चाहा था कि राज्य में 24 घंटे काम करने वाले पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने पर क्या विचार किया जा रहा है। इस पर सीएम की ओर से संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने सदन को बताया कि सरकार के स्तर पर ऐसा कोई विचार नहीं किया जा रहा है। राज्य के अन्य कर्मियों को 14 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाता है। लेकिन पुलिस के लिए यह अवकाश तीस दिनों का है।
आंगनबाड़ी कार्य़कत्रियों के मानदेय़ बढ़ाने पर कोई विचार नहीं ः विधायक महेंद्र भट्ट के आंगनबाड़ी कार्य़कत्रियों के मानदेय़ बढ़ाने के सवाल पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि अभी ऐसा कोई विचार नहीं किया जा रहा है। पिछले साल की इऩके मानदेय़ में बढ़ोतरी की गई है। इस विषय पर विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने मंत्री ने जानना चाहा कि आंगनबाड़ी कार्य़कत्रियों के काम करने की अवधि क्या है और क्या उन्हें राज्य सरकार की ओर से निर्धारित मिनिमम वेज बोर्ड के आधार पर मानदेय दिया जाता है। इस पर मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्य़कत्रियों को मिनिमम वेज बोर्ड के अनुसार ही मानदेय दिया जा रहा है।