
उत्तरकाशी: 10 हजार फीट की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा,हिमालय की गोद में गुंजे आजादी के नारे…
उत्तरकाशी: आज पूरा देश आजादी के रंग में रंगा हुआ है। आज शहर,कस्बे तथा गांवोें में भी आजादी के नारे की गुंज है। इसके साथ ही उत्तराखंड में बसे हिमालय की गोद में भी आज स्वाधीनता की गुंज है। आपको बता कि आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तरकाशी जिले में भी दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भंयूडी बुग्याल में क्षेत्रवासियों ने लोक गीतों और पारंपरिक नृत्य से आजादी का जश्न मना रहे है। इन लोगों ने पूरे हर्सोउल्लास के साथ ध्वजारोहण किया।
इस गांव में पहली बार ग्रामीणों के द्वारा…
उत्तरकाशी में दस हजार फीट की ऊंचाई पर जब तिरंगा फहराया गया तो सबकी आंखे उसी पर ठहर सी गई। तिरंगे को लहराते देख सबके मन में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला । हिमालय की गोद मे बसे इस क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर य़हां पर पूरे पारंपिक तरीके से आजादी के जश्न को मनाया गया। सबसे खास बता तो यह है कि इस गांव में पहली बार ग्रामीणों के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 80 वर्षीय देवानंद सोमवाल और 85 वर्षीय वीर सिंह राणा ने यहां ध्वजारोहण किया। इसके साथ ही सभी ने मिलकर राष्ट्रगान गाया। स्थानीय लोगों ने यहां भारत माता की जय और देश के महापुरूषों के नारे लगाए। ध्वजारोहण करने के बाद स्थानीय लोगों ने बुग्याल में लोक गीत व लोक नृत्य रांसो,तांदी की सुंदर प्रस्तुति दी।
जाड़ी संस्था के संयोजक द्वारिका सेमवाल ने बताया कि…
इस अवसर पर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। जिसमें खीर और कौंया (जंगली घास) की हरी सब्जी बनाई गई। जाड़ी संस्था के संयोजक द्वारिका सेमवाल ने बताया कि भंयूडी बुग्याल में पहली बार स्वतंत्रता दिवस का आयोजन हुआ है। भंयूडी बुग्याल में सदियों से कमद, ठाडी, कुमार कोट, भड़कोट, बागी के ग्रामीण बरसात के मौसम में अपनी गाय भैंस, भेड़ बकरियों के साथ रहते हैं। भंयूडी बुग्याल समुद्रतल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर है तथा उत्तरकाशी से भंयूडी बुग्याल 55 किलोमीटर दूर है।