रिपोर्ट_ चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने अपने जिला पंचायत क्षेत्र कंसेरू से अपना नाम मतदान सूची से कटवाना जहां जशोदा राणा एक झटके मैं दोनों कुर्सी हाथ से निकल गयी। वही रिक्त पडी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर नजर गढाये नेताओं ने अपनी अपनी जोर अजमाईस शुरु कर दी हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी चमन सिंह से जब इस मामले में जाना चाहा तो उन्होंने बताया कि जब कोई सीट खाली होती हैं तो उस पद पर अधिकतम समय छ महिने के लिए उपाध्यक्ष को चार्ज दिये जाने के प्रवधान हैं। अब ऐसे में जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र रमोला को जिला पंचायत अध्यक्ष का चार्ज मिलना तय है। इधर बीजेपी के रणनीतिकारों ने भी अपने रणनीति के तहत अपनी चुनावी विसात बिछानी शुरू कर दी।
बता दें कि प्रकश चंद रमोला कांग्रेस के हैं भाजपा नहीं चाहेगी कि कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। वैसे भी उत्तरकाशी की सीट महिला हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा कुछ मिहनों बाद इस सीट पर चुनाव करायेगी। ऐसे में बीजेपी की और प्रत्याशी विमला नौटियाल जिला पंचायत अध्यक्ष की पार्टी की ओर से प्रबल दावेदार मानी जा रही है। जबकि कांग्रेस में महिला प्रत्याशी इतनी सशक्त स्थिति में नहीं है दूसरी ओर 25 सदस्य वाली जिला पंचायत सीट उत्तरकाशी में अधिकांश भाजपा के ही लोग हैं ऐसे में यदि भाजपा चुनाव कराती हैं तो विमला नौटियाल का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना लगभग तय हैं।
उत्तरकाशी में वर्ष 2014 को जिला पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्याशी श्रीमती बिमला नौटियाल के खिलाफ झंडा बुलंदकर समा,दाम, के बल पर अध्यक्ष बनने वाली निर्दलिय जशोदा राणा नगर पालिका बडकोट में नाम तक न होने के बावजूद पार्टी का टिकट भी लेकर आयी, जब नाम ही नही जुडा तो नगर क्षेत्र बडाकोट में नाम जुडवाने को लेकर होईकोर्ट नैनीताल पहुंची थी जहां डबल बेंच से भी करारा झटका दिया है।
गौरतलब है कि एक साल का जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल रहे के बावजूद पालिका अध्यक्ष बडकोट के लिए आरक्षित करवाने से लेकर पार्टी के खिलाफ निर्दलिय झंडागाड ने वाली राणा को पार्टी से तिकडम भिडा कर टिकट लाने में भी सफल रही थी।लेकिन श्रीमती राणा को देहरादून में भी नाम होने से पालिका बडकोट में नाम नही जुड पाया।बडकोट पालिका के लिये अति आतुर श्रीमती राणा ने जिला निवार्चन अधिकारी को आवेदन कर कहा कि मेरा नाम कंसेरू से काट कर नगर पांचायत बडकेाट के वार्ड न. 4 में दर्ज कराया जाय।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम ने 18 अक्टूबर को पूरा प्रकरण राज्य निर्वाचन आयुक्त को भेजा। इधर मामले में नया मोड सामने आ गया पुरोला के तेजर्तरा जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण ने मास्टर स्ट्रोक चलाया जो कि कामीयाब हुआ।
दीपक बिजल्वाण ने हाईकोर्ट नैनीताल में रीट डाकर कहा कि जशोदा राणा का कंसेरू में नाम तथा नगर पंचायत बडकोट के वार्डा न. 4 में भी नाम था जो कि राज्य आयुक्त के आदेश से कुछ माह पूर्व विलोपित किया गया। वही देहरादून वार्ड संख्या 40 सिमाद्वारा में भी श्रीमती राणा का नाम दर्ज है। होईकोर्ट ने 22 अक्टूबर 2018 को राज्य निर्वाच आयुक्त को इस पर आवश्क निर्देश जारी किये जिस के बाद 23 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारी एव डीएम उत्तरकाशी को निर्देश किया कि कानून रूप से एक व्यक्ति को एक ही स्थान पर मतदान सूची में नाम कराने का अधिकार है। लिहाजा इनका नाम बडकोट में दर्ज करना संभव नही है।
जिला पंचायत क्षेत्र कंसेरू गांव से भी अपना नाम कटवाने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी उत्तरकाशी को आवेदन भरा उनका नाम कट चुका है। अब संवैधानिक रूप से उत्तरकाशी जिला पंचायत की अध्याक्ष की कुर्सी रिक्त है। जिलाधिकरी डा. आशीष चैहान ने बताया कि अघ्यक्ष पद की कार्रवाई के लिये जिला पंचायत राजअधिकारी से पंचायत निर्देशालय के लिये पत्रावाली तैयार हो रही जल्द कर्रवाई होगी। जानकारों की माने तो जल्द जिला पंचायत उपाध्याक्ष प्रकाश चंद रमोला को जिला पंचायत का चार्ज मिलना सकता है।
अब बडकोट पालिका से नामांकन रदद् के साथ जिला पंचायत की कुर्सी से विदाई होनी भी लगभग तय हो चुकी है। हाईकोर्ट के इस फैसले से उन लोगों को के लिये भी सबक है जो लोग अति मत्वकांक्षी होने केकारण एक बार में दो-दो स्थानों पर राज करना चाहते है। पुथ्क राज्य गठन के 18 साल के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसी प्रत्याशी का नामांकन इस कारण निरस्त हुआ भाजपा के लिये ये हाई वोलटेज के झटके से कम नही है। होईकोर्ट के डबल बेंच के फैसले के बाद बैकफूट पर आयी उत्तरकाशी भाजपा को आखिर पार्टी की बागी प्रत्याशी कृष्णा राणा को आनन-फानन में गले लगाना पडा।