Uttarakhand : पिछले 6 सालों से उत्तराखंड में भाजपा सरकार अपना परचम लहरा रही है, जहां लंबे समय से जीरो टोलरेंस नीति के बड़े बड़े नारे लगाए जा रहे हैं और जनता को आशवासन दिया जा रहा है कि उत्तराखंड राज्य एक भ्रष्टाचर मुक्त राज्य बनेगा।
लेकिन अब इन नारों की चादर के पीछे छिपाए गए कई काले और गहरे राज़ खुलकर सामने आ गए हैं। आपको बता दें जीरों टोलरेंस नीति का नारा लगाने वाले भाजपा सरकार के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के राज में हुए भ्रष्टाचारों की पोल खुलकर जनता के सामने आ गई है।
Uttarakhand : पत्नी की कंपनी के खिलाफ जांच के आदेश
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहाकर की पत्नी पर 200 करोड़ रुपये की मनी लॉर्डिंग का आरोप है। आरोप है कि साल 2017 से 2020 तक कंपनी में 200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धनराशि एफडी के रूप में जमा की गई। अलग-अलग नामों से खुले इन खातों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में अब त्रिवेंद्र रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहकार और उनकी पत्नी की कंपनी के खिलाफ जांच के आदेश धामी सरकार ने दे दिए हैं। भ्रष्टाचार के इस बड़े खुलासे से राज्य में हड़कंप मच हुआ है। वहीं राज्य में एक के बाद एक हो रही धोखाधड़ी को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है।
Uttarakhand : धोखाधड़ी को लेकर विपक्ष भी हमलावर
कांग्रसे प्रवक्ता गरीमा दसौनी का कहना है कि प्रचंड बहुमत की सरकार ने पहले इस मामले को रफा-दफा किया और अब जब पुष्कर सिंह धामी और त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच तालमेल अच्छे नहीं बैठ रहे हैं तो एक बार फिर इस मामले को जनता के सामने उजागर कर दिया है, उनका ये भी कहना है कि प्रचंड बहुमत की सरकार सबकी दुखती रग को अपने अंगूठे तले रखती है और समय आने पर उसे अपने हिसाब से कभी भी दबा देती है।
एक के बाद एक उत्तराखंड राज्य में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। जिससे राज्य की गरीमा पर दाग लग गए हैं। पहले UKSSSC पेपर लीक का मामला जनता के सामने आया जिसमें भाजपा से जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह जैसे भ्रष्ट लोगों को धरदबोचा गया।
Uttarakhand : 200 करोड़ रूपये की मनी लॉन्ड्रिंग
इसके बाद विधानसभा भर्ती घोटाले में की गई धांधली का पर्दाफाश हुआ जहां राज्य सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सवालों के कटघरे में आए। इसके बाद अंकिता हत्याकांड जिसने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया।
इसमें भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री रहे विनोद आर्य के बेटे का नाम सामने आया और अब 200 करोड़ रूपये की मनी लॉन्ड्रिंग का ये मामला जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पूर्व औद्योगिक सलाहाकर और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप।
उत्तराखंड की जनता सरकार की एक गलती को हज़म करें इससे पहले ही एक और काली करतूत सत्तरूढ़ दल की खुल कर जनता के सामने आ जाती है और ये सिलसिला लगातार जारी है
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