Uttarakhand: बुरांश के जूस को महिलाओं ने बनाया स्वरोजगार का जरिया, पढ़े पूरी खबर | Nation One
Uttarakhand: यह बात तो हम जानते है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों मे कई ऐसे वृक्ष है जो विशेषता रखते है।
जी हां आज हम आपको ऐसे ही एक पेड़ के बारे मे बताएंगे जिसरे अधार पर महिलाओं ने उसे स्वरोजगार का जरिया बना लिया।
बता दें कि बुरांश का वृक्ष सदाबहार होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर भी होता है। इन दिनों पहाड़ के जंगल जहां बुरांश के फूल से लकदक है।
वहीं गर्मियों में बुरांश का जूस स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है, ऐसे में गर्मी शुरू होते ही इसकी डिमांड भी बढ़ जाती है।
अब हम आपको कुछ महिलाओं के बारे में बता रहे हैं जिन्होने बुरांश के जूस को स्वरोजगार का माध्यम बनाकर आत्मनिर्भर बन रही है।
देहरादून जिले के विकास नगर के ग्राम उद्पाल्टा के तूनधार की महिलाएं आजकल बुरांश का जूस बनाने का कार्य कर रही है।
Uttarakhand: कहां की है ये महिलाएं
देखा जाए तो यह एक अच्छा आइडिया है एक तरफ यह सेहत के लिए अच्छा है तो दूसरी तरफ स्वोरोजगार का जारिया भी है।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताए जाने वाले बुरांश के जूस के लिए देहरादून जनपद के विकास नगर क्षेत्र की आजीविका मिशन से पंजीकृत कालसी ब्लॉक के ग्राम उद्पाल्टा के जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने इसे अपने स्वरोजगार का जरिया बनाया है।
पहले महिलाएं जंगलों में जाकर बुरांश के फूल को एकत्रित करते हैं और फिर इसका जूस बनाती है।
जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाएं सदस्य जंगलों से बुरांश के फूल एकत्रित करने का कार्य करती है और कुछ महिलाएं फूलों की छटाई का जूस बनाने का कार्य करते हैं।
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समूह में सभी सदस्यों का कार्य बांटा हुआ है। समूह से सदस्यों का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ साथ बुरांश के जूस की मांग भी बढ़ रही है।
प्रदेश के अलावा दिल्ली चंडीगढ़ आदि राज्यों से भी बुरांश के जूस की मांग होती है। जिससे यहां की महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं औऱ वह खुद पैसा भी कमा पा रही है।