Uttarakhand : विधानसभा चुनावों के लिए कल 10 मार्च को मतगणना होनी है। उत्तराखंड में एग्जिट पोल ने सभी दलों की नींद उड़ाई है।
करीब 12 एजेंसियों के सर्वे में सात ने बीजेपी को आगे और पांच एजेंसी ने कांग्रेस को आगे दर्शाया हुआ है। ऐसे में कांग्रेस विधायकों में तोड़फोड़ की स्थिति से बचने के लिए सतर्क हो गई है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस 10 मार्च को मतगणना के तुरंत बाद अपने नवनिर्वाचित विधायकों को राजस्थान रवाना कर सकती है।
Uttarakhand : बहुमत के आंकड़े के समीप
हाल ही में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से भी मुलाकात की थी।
ऐसे में माना जा रहा है कि त्रिशंकु विधानसभा अथवा विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के समीप पहुंचने की स्थिति में कांग्रेस अपने विधायकों को राजस्थान ले जा सकती है।
स्पष्ट बहुमत मिलने और प्रतिद्वंद्वी भाजपा से जीत का फासला ज्यादा होने की स्थिति में कांग्रेस अपने विधायकों को बाहर भले ही न भेजे, लेकिन उन्हें एक साथ जरूर रखा जाएगा।
Uttarakhand : विधायकों को राजस्थान भेजेगी
सूत्रों के अनुसार यह तय किया गया कि मतगणना में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी अपने विधायकों को राजस्थान भेजेगी। कांग्रेस की नजरें विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 36 पर टिक गई हैं।
इससे कम या बराबर रहने और भाजपा के टक्कर में आने की स्थिति में कांग्रेस अपने विधायकों की सुरक्षा को कसर नहीं छोड़ने वाली।
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी के बाद कांग्रेस सतर्क नजर आ रही है।
Uttarakhand : हरीश रावत सरकार में हुई बगावत
2016 में प्रदेश की हरीश रावत सरकार में हुई बगावत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका को कांग्रेस भूली नहीं है।
भाजपा के एक विधायक के मतगणना से पहले ही कांग्रेस के प्रत्याशियों के संपर्क में होने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में पार्टी जवाबी रणनीति को धार देने में जुटी है।
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