Uttarakhand : स्मार्ट मीटर होंगे इनस्टॉल, 100 रुपए के रिचार्ज में भी हो जाएगा काम | Nation One
Uttarakhand: उत्तराखंड में बिजली ग्राहकों की परेशानी को दूर करने के लिए यूपीसीएल द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसको लेकर तमाम चर्चाएं हो रही है। ये मीटर प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह होंगे, जिसे रिचार्ज कराया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता अपने मोबाइल एप के माध्यम से दैनिक, घंटे के हिसाब से, और हर 15 मिनट में बिजली खर्च की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा न केवल उपभोक्ताओं को बिजली के उपयोग पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करेगी, बल्कि उनकी बिलिंग प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाएगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर का यह पहल बिजली के उपभोक्ताओं के लिए एक नई युग की शुरुआत है, जो ऊर्जा प्रबंधन को अधिक सुलभ और स्मार्ट बनाएगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का आगाज़ यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) द्वारा किया जा रहा है, जो उपभोक्ताओं के लिए बिजली उपयोग को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके तहत, राज्य में लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक, अनिल कुमार, ने बताया कि इस नई प्रणाली को उपभोक्ताओं के अनुकूल बनाया गया है।
Uttarakhand : 100 रुपये के रिचार्ज से बिजली का उपयोग करने की सुविधा
इस प्रीपेड मीटर प्रणाली में, उपभोक्ताओं को केवल 100 रुपये के रिचार्ज से भी बिजली का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में, हर उपभोक्ता को एक निश्चित राशि का बिल जमा करना पड़ता है, जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के माध्यम से केवल आवश्यकतानुसार रिचार्ज करना होगा।
यदि किसी उपभोक्ता का रिचार्ज समाप्त हो जाता है, तो शनिवार और रविवार को उनके बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे; उन्हें दो दिन का बोनस समय दिया जाएगा। कनेक्शन की स्वचालित प्रक्रिया के तहत, रिचार्ज समाप्त होने के बाद एक निर्धारित समयावधि के बाद बिजली स्वतः बंद हो जाएगी।
उपभोक्ताओं के लिए यह प्रणाली बेहद लाभकारी है, क्योंकि रिचार्ज करने के 15 मिनट के भीतर बिजली आपूर्ति फिर से चालू हो जाएगी, और इसके लिए किसी भी बिजली विभाग के कर्मचारी को बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई उपभोक्ता दो महीनों के लिए घर से बाहर है, तो उन्हें अब कोई निश्चित बिल जमा नहीं कराना पड़ेगा। प्रीपेड मीटर प्रणाली के तहत, उपभोक्ता केवल उतनी ही बिजली के लिए भुगतान करेंगे, जितनी उनका उपयोग होगा।
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