Uttarakhand : सॉफ्टवेयर और ऐप विकसित करने से पहले ITDA की अनुमति लेना अनिवार्य | Nation One

Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसी भी सरकारी विभाग को नया सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप विकसित करने से पहले सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) से अनुमति लेनी होगी। यह निर्णय पिछले साल हुए साइबर हमलों के बाद लिया गया है, जिसमें सरकारी वेबसाइटों और एप्लीकेशन की सुरक्षा में कमियां पाई गई थीं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि यदि कोई विभाग नया सॉफ्टवेयर या ऐप बनवाना चाहता है, तो उसे पहले आईटीडीए की तकनीकी टीम से अनुमोदन लेना होगा। आईटीडीए की मंजूरी के बिना किसी भी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को बनाने या होस्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

पिछले साल की जांच में पाया गया कि कई विभागों ने सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया था। इसके अलावा, अधिकांश एप्लीकेशन बनाने वाली कंपनियां अब अस्तित्व में नहीं हैं, जिससे सोर्स कोड की जानकारी उपलब्ध नहीं है और सुरक्षा ऑडिट संभव नहीं हो पा रहा है।

सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी सरकारी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन केवल स्टेट डाटा सेंटर या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर पर ही होस्ट किए जाएं। यदि कोई विभाग किसी अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है, तो उसे पहले आईटीडीए से अनुमति लेनी होगी।

इसके अलावा, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि विभागों को अपने सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड और तकनीकी जानकारी को सुरक्षित रखना होगा। यदि कोई विभाग कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का उपयोग करके सॉफ्टवेयर विकसित करवाता है, तो उसे भी आईटीडीए की मंजूरी लेनी होगी।

इस नई नीति से उत्तराखंड की साइबर सुरक्षा मजबूत होगी और सरकारी डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। यह कदम साइबर अपराधों को रोकने और सरकारी सिस्टम को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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