
Uttarakhand : भ्रष्टाचार की जद में आया सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग? | Nation One
Uttarakhand : सीएम धामी जहां प्रदेशभर में भ्रष्टाचार ना होने की बात करते है, वहीं उन्हीं के कुछ विभागों में शामिल सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार फैल गया है। एक के बाद एक विभागों में भ्रष्टाचार की खबरों से राज्य सरकार पर चारों तरफ से सवाल उठ रहे है। पहले UKSSSC तो अब राज्य सरकार की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले सूचवा एवं लोक संपर्क विभाग भी भ्रष्टाचार के घेरे में हैं।
लेकिन यहां पेपर लीक नहीं बल्कि फर्जी पेपर्स के आधार पर बीते दिनों सोशल मीडिया के सूचीबद्धता के लिए विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत कर स्वामी को क श्रेणी के सफल सूची में शामिल कर दिया गया है।
जबकि सूचना विभाग द्वारा करीब चार सौ न्यूज पोर्टल स्वामियों को सूचिबद्धता के लिए जमा कराए गए पेपर्स में त्रुटि बता कर अयोग्य करार देते हुए सूचीबद्धता की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।
Uttarakhand : अवैध रूप से किए गए टेंडर
तो अब सवाल यह उठता है कि क्या पारदर्शिता की बात करने वाला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग अवैध रूप से किये गए टेंडरों को निरस्त कर अपनी पारदर्शिता की शाख को बचाएगी । या फिर टेंडर प्रक्रिया के दिन से लेकर निविदा खुलने के तक उन सभी विभागीय अफसरों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता व सांठगांठ से पोर्टलों को सूचीबद्ध कर भ्रष्टाचार टेंडर पर मुहर लगाएगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
वहीं निविदा में फ़र्ज़ी पेपर्स लगाए जाने की बात को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पूरे मामले में संबंधित अधिकारी अपनी गलती स्वीकार करते हुए फ़र्ज़ी पेपर्स लगाने वाले पोर्टल स्वामी को सूचीबद्धता सूचि से बाहर करने के साथ साथ उसे ब्लैकलिस्ट करने की बात कह रहे हैं।
तो क्या अब विभागीय अधिकारी के द्वारा यह ठोस करवाई की बात सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के उन अधिकारियों पर होगी, जिनकी मिलीभगत व पूर्ण संलिप्तता के कारण फ़र्ज़ी पपेर्स के आधार सूचीबद्ध में सफल सूचि में दिखाया गया है।
Uttarakhand : अपनी गलती दूसरों पर थोप रहे भ्रष्ट अधिकारी
इतना ही नहीं इन भ्रष्ट अधिकारियों ने कई न्यूज पोर्टलों की ड्राफ्ट रिसिविंग डेट को लेकर भी उन्हें सूचि से बाहर कर दिया है। जबकि पोर्टलों के द्वारा अंतिम तिथी से पहले ही ड्राफ्ट अधिकारियों को सौंप दिया गया था।
हालांकि यह ड्राफ्ट और कागजी कार्रवाई को उन्ही भ्रष्ट अधिकारियों की मिली भगत से आगे नहीं पहुंचाया गया जिस कारण समय पर ड्राफ्ट जमा ना हो पाना बोलकर पोर्टलों को अयोग्य करार दिया गया है। साथ ही साथ जब विभागिय अधिकारियों से उक्त संबंध में बात की गई तो अपनी गलती ना स्वीकारते हुए और अपने भ्रष्टाचार को छुपाते हुए दूसरों पर ही गलती थोपी जा रही है।
हालांकि सूचना एवं लोक संपर्क विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग सूबे के मुखिया धामी सरकार के पास है। तो क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व के दिनों में UKSSSC परीक्षा में लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कठोर निर्णय लिया। जिसके बाद कई अधिकारियों को अपनी नौकरी भी गवानी पड़ी।
तो क्या इस बार भी धामी सरकार अपने महत्वपूर्ण विभाग में हुए टेंडर प्रक्रिया में व्यापक भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद उन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध भी कठोर निर्णय लेकर एक नज़ीर पेश करने का काम करेंगें। जिससे कि भविष्य में फिर कभी भी सूचना विभाग में भ्रष्टाचार करने की कोताही न कर सके।
Also Read : Uttarakhand : उत्तरांचल पंजाबी महासभा का वैशाखी मेले का CM धामी ने किया शुभारंभ | Nation One