महिलाओं के यौन उत्पीड़न, एसिड अटैक या जलने के मामलों में मुआवजा दिया जाएगा। कैबिनेट की तरफ से इस योजना को मंजूरी दे दी गई है।
इसके तहत महिलाओं को 10 लाख रुपये तक का मुआवजा दिए जाने का प्रविधान किया गया है।नाबालिग पीड़ितों को कुल स्वीकृत राशि का 50 प्रतिशत अधिक दिया जाएगा।योजना के तहत अपराध पीड़ित महिलाओं के घावों पर सरकार मुआवजे का मरहम लगाएगी।
इसके लिए उत्तराखंड यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित/ उत्तरजीवी महिलाओं हेतु प्रतिकर योजना 2020 के तहत एक पीड़ित महिला प्रतिकर निधि का गठन होगा। इस निधि से राज्य व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुआवजे की दरें निर्धारित कर उसका भुगतान पीड़ित महिला या उसके आश्रित को किया जाएगा।
मुआवजा राशि की दरें (लाख में):-
क्षति- न्यूनत सीमा अधिकतम सीमा
जीवन क्षति/ सामूहिक बलात्कार 05 10
बलात्कार/ अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न 04 07
स्थायी विकलांगता या किसी अंग की 80 फीसदी हानि 02 05
40 फीसदी से अधिक और 80 से कम विकलांगता 02 04
20 से अधिक और 40 फीसदी से अधिक विकलांगता 01 02
शारीरिक व मानसिक क्षति, जिसमें पुनर्वास की आवश्यकता हो 01 02
भ्रूण की हानि/ हिंसा से गर्भपात/ प्रजनन क्षमता की हानि 02 03
बलात्कार के कारण गर्भावस्था के मामले 03 04
जलने के कारण-
विरूपता के मामले में 07 08
50 फीसदी से अधिक के मामले में 05 08
20 से अधिक व 50 फीसदी से कम 03 07
20 फीसदी से कम के मामले में 02 03
एसिड हमले में-
चेहरा खराब करने के मामले में 07 08
50 फीसदी से अधिक क्षति 05 08
20 से अधिक व 50 फीसदी से कम 03 05
20 फीसदी से कम क्षति के मामले में 03 04
नेशन वन से अनुराधा सिंह की रिपोर्ट