सूचनाएं नहीं मिलीं तो उत्तराखंड सरकार भी लगाएगी आरटीआई

देहरादून


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में बैठक ली। मुख्यमंत्री ने कृषि, ऊर्जा, टीएचडीसी, परिवहन, वित्त, आवास, पर्यटन, पशुपालन, वन विभाग, चिकित्सा, शिक्षा, गन्ना, सिडकुल, सहकारिता आदि विभागों से परिसंपत्तियों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिसंपत्तियों के विषय में उत्तर प्रदेश से बात करते हुए अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा जाए, साथ ही जिन विषयों पर कोर्ट में कार्यवाही चल रही हैं, उन पर कोर्ट में भी अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि हमें अपनी परिसंपत्तियों की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए, जिनकी जानकारी हमारे पास नहीं है और यदि उत्तर प्रदेश से हमें जानकारी नहीं मिल पाती है, तो इसके लिए सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी मांगी जाए। जिन विभागों में बड़े स्तर पर परिसंपत्तियों का बंटवारा होना है उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में बताया गया कि सिंचाई विभाग के अंतर्गत 1399 भवन उत्तर प्रदेश के नियंत्रणाधीन हैं, जिनमें से उत्तर प्रदेश को मात्र 420 की आवश्यकता है। इनमें से 997 भवन उत्तराखंड शासन को दिए जाने हैं। हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 5842 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश के नियंत्रण में है, जिनमें से 2557.78 हेक्टेयर खाली भूमि पर उत्तराखंड का हक बनता है।

कुंभ क्षेत्र की 697.578 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश के नियंत्रण में है, यह भूमि राज्य बनने के पूर्व से ही कुंभ मेला कार्य के लिए सुरक्षित की गई है, इसका उपयोग अन्य किसी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है। यह भूमि उत्तराखंड को मिलनी चाहिए। हरिद्वार की 10 में से 4 नहरों और ऊधमसिंहनगर कि 33 में से 25 नहरों का रखरखाव उत्तराखंड को मिलना चाहिए। टीएचडीसी भारत सरकार का उपक्रम होने के कारण और इसका पंजीकृत कार्यालय एवं प्रोजेक्ट उत्तराखंड की परिधि में होने के कारण इसकी 25 प्रतिशत सहभागिता उत्तराखंड को मिलनी चाहिए।

कालागढ़ में बन रही बिजली पर यूपी का हक नहीं

बैठक में कहा गया कि कालागढ़ जल विद्युत गृह जिसकी क्षमता 198 मेगावाट है, पूर्ण रूप से उत्तराखंड की परिधि में स्थित है, इससे उत्पादित बिजली पर उत्तर प्रदेश का अधिकार नहीं बनता। उत्तराखंड परिवहन निगम के उत्तर प्रदेश शासन को देनदारी 16.28 करोड़ रुपये की साथ ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के उत्तराखंड को देनदारी 43.47 करोड़ रुपए हैं। उत्तर प्रदेश वन विभाग के अंतर्गत 173.28 करोड़ रुपये उत्तराखंड वन विकास निगम को भुगतान किया जाना है। बैठक में कैबिनेट मंत्री शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डॉ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार आदि उपस्थित रहे।

 

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