विपक्ष के सवालों से डरे मंत्री हरक सिंह रावत, समय देने के बाद भी डिबेट में नहीं लिया भाग | Nation One
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है इसी के साथ राज्यपाल द्वारा गैरसेंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मंजूरी दे दी गई। इन दोनों बातों को ध्यान में रख कर नेशन वन ने फेसबुक के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और उत्तराखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं आयुष मंत्री हरक सिंह रावत के बीच एक डिबेट रखी थी, जिसमें कोरोना और गैरसेंण को लेकर चर्चा होनी थी।
लेकिन लगता है कि मंत्री हरक सिंह रावत विपक्ष के सवालों से पहले ही डर गए, जिस वजह से वह समय देने के बावजूद भी डिबेट में शामिल नहीं हुए। अब सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों समय देने के बाद भी हरक सिंह डिबेट में शामिल नहीं हुए। क्या राज्य सरकार का पक्ष रखने से पहले ही वह डर गए।
वहीं इस मामले में सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मेरे अपने कुछ सवाल थे जो मैं हरक सिंह से पुछना चाहता था। लेकिन उनके डिबेट में शामिल न होने के कारण मैं नहीं पूछ पाया। उन्होंने आगे बताया कि हमने राज्य सरकार को सुझाव दिया था कि जो प्रवासी राज्य वापस आने वाले है उन प्रवासियों की क्वॉरेंटाइन का इंतेजाम राज्य के सीमावर्ती जनपदों में करें। ताकि अगर कोई कोरोना संक्रमित होगा तो उसका वहीं इलाज हो जाएगा और इससे कोरोना का संक्रमण ज्यादा नहीं फैलेगा। लेकिन सरकार ने हमारी सुनी नहीं।
वहीं उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए जो पहला देवभूमि ऐप था वो कांग्रेस ने लॉन्च किया था, जिसमें 3 दिन के अंदर 25,000 रजिस्ट्रेशन हुए थे, जिनको लेकर हम मुख्यमंत्री के पास गए थे लेकिन मुख्यमंत्री जी ने समय देने के बाद भी सोशल डिस्टेंस का हवाला देकर 7 लोगों के प्रतिनिधि-मंडल से मिलने से इंकार कर दिया। जबकि कैबिनेट के बैठक में 11 मंत्री समेत 60-70 लोग मौजूद होते है। उन्होंने आगे कहा कि जब मुख्यमंत्री से 60-70 लोगों के साथ बैठक कर सकते है तो क्या विपक्ष के 7 लोगों से नहीं मिल सकते।
उन्होंने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हम सरकार से सवाल पुछना चाहते थे। लेकिन लगता है हरक सिंह रावत हमारे सवाल पुछने से पहले ही डर गए, जिस वजह से उन्होंने समय देने के बावजूद भी डिबेट में शामिल नहीं हुए।